Shani And Guru Great Alliance: शनि देव और देव गुरु बृहस्पति आज यानि सोमवार को बेहद नजदीक आने वाले हैं. ऐसा एक दो साल बाद नहीं बल्कि 400 साल बाद हो रहा है. इससे पहले इस तरह खगोलीय घटना 1623 में हुई थी. सौरमंडल में बनने वाले इस विशेष संयोग को धरती से भी आसानी से देखा जा सकेगा. आज शाम यनि सूरज ढलने के बाद इस अद्भूत नजारे को नंगी आंखों से भी आसमान साफ होने की दशा में देखा जा सकेगा.


शनि और बृहस्पति सौरमंडल के दो बड़े ग्रह माने जाते हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार बृहस्पति, शनि के पास से प्रत्येक 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इतना नजदीक कभी नहीं आता है जितना कि सोमवार को आने वाला है. वैज्ञानिकों के अनुसार शनि और बृहस्पति ग्रहों के बीच महज 0.1 डिग्री की दूरी रह जाएगी. इस अद्भूत नजारे को नासा ने 'क्रिसमस स्टार' का नाम दिया है. आज उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्राति की शुरुआत हुई है और 2020 की सबसे लंबी रात भी है, इसीलिए 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन माना जा रहा है.


पश्चिम दिशा में दिखेगा अद्भूत नजारा
नासा के मुताबिक गुरु और शनि का संयोजन 21 दिसंबर की शाम को सूरज ढलने के बाद पश्चिम दिशा में देख सकेंगे. वहीं गुरु और शनि के ग्रेट कंजक्शन की इस घटना के वक्त वृहस्पति की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट और शनि की दूरी 10.825 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट होगी.


मकर राशि में हैं शनि और गुरु
मकर राशि: शनि और बृहस्पति इस समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. मकर राशि बृहस्पति की नीच राशि है,वहीं शनि की यह उच्च राशि है. मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं.


राशिफल


धनु राशिफल: गुरु धनु राशि के स्वामी है इसलिए इस खगोलीय घटना के दौरान धनु राशि वाले जातकों को संभल कर रहने की जरूरत है. क्रोध और वाणी दोष से बचें. कमजोर व्यक्ति का अपमान न करें.


मकर राशिफल: शनि के साथ देव गुरु बृहस्पति का कोई बैर नहीं है. गुरु का शनि के साथ संबंध सम है. इसलिए न तो मकर राशि वालों को हानि होगी और न ही लाभ.


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