Daridra Yoga In Kundali: हर व्यक्ति की कुंडली में जन्मजात कुछ योग बन जाते हैं. इनमें से कुछ योग अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे. इनका प्रभाव उस व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. अशुभ योगों में से एक है दरिद्र योग, जिसे निर्धनता योग भी कहा जाता है.
ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ योग माना जाता है. यह ग्रहों की ऐसी स्थिति का संकेत देता है जिसमें व्यक्ति को गरीबी, आर्थिक कठिनाई और धन की हानि का सामना करना पड़ता है. इस योग की वजह से व्यक्ति का पूरा जीवन संघर्षों में ही बीतता है. जानते हैं कि यह योग कुंडली में कैसे बनता है और इसे दूर करने के क्या उपाय हैं.
कुंडली में ऐसे बनता है दरिद्र योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में दरिद्र योग तब बनता है जब शुभ ग्रह किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में आ जाता है. देव गुरु बृहस्पति 6 से 12वें भाव में बैठे हो, तो भी कुंडली में दरिद्र योग बन जाता है. इसके अलावा कुंडली में जब शुभ योग केंद्र में हो और धन भाव में पापी ग्रह बैठा हो तब दरिद्र योग का निर्माण होता है. कुंडली में दरिद्र योग हो तो कुछ उपाय करके इनके प्रभाव से बचा जा सकता है.
दरिद्र योग से बचने के उपाय
जिन लोगों की कुंडली में दरिद्र योग हो, उन लोगों को अपने माता-पिता और जीवनसाथी का हमेशा सम्मान करना चाहिए. दरिद्र योग होने पर व्यक्ति को गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए. मध्यमा उंगली में तीन धातु का छल्ला पहनने या फिर हाथ में तीन धातु का कड़ा धारण करने से भी लाभ होगा. दरिद्र योग के नाश के लिए गीता के 11 अध्याय का पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है.
दरिद्र योग होने पर दान-पुण्य करना चाहिए विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. इन लोगों भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. आपके लिए मंत्रों का जाप करना और स्तोत्रों का पाठ करना अति उत्तम रहेगा. यज्ञ या अनुष्ठान करवाने से भी लाभ होता है.
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