Ramadan 2023 Khajoor Importance: रमजान के साथ ही रोजा रखने की शुरुआत भी हो चुकी है और रोजेदार रोजा रख रहे हैं. रमजान के पवित्र महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं और 29-30 दिनों का रोजा रखने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है.


रमजान में लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का रोजा रखते हैं और शाम को रोजा खोला जाता है. इसे इफ्तार भी कहते हैं. रोजा खोलने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. लेकिन गरीब हो या अमीर रोजा खोलने के लिए खजूर होना जरूरी माना गया है. रोजेदार सबसे पहले खजूर खाकर ही अपना रोजा खोलते हैं. इसलिए रमजान के महीने में खजूर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.



लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि रमजान के महीने में रोजा इफ्तार के दस्तवरख्वान सजाने वाला खजूर आखिर आता कहां से है और इसकी कितनी किस्में होती हैं. साथ ही जानते हैं कि आखिर क्यों रोजेदार खजूर खाकर ही अपना रोजा तोड़ते हैं.


इसलिए खजूर खाकर खोला जाता है रोजा


पैगंबर मुहम्मद की धार्मिक शिक्षाओं और कुरान में खजूर के महत्व और फायदे के बारे में बताया गया है. साथ ही इस्लाम में खजूर को सुन्नत माना गया है और यह पैगंबर हजरत मुहम्मद का पसंदीदा फल था. पैगंबर मुहम्मद भी खजूर खाकर ही रोजा खोलते थे. इसलिए यह मुसलमानों की आस्था से जुड़ गया और आज भी रोजेदार खजूर खाकर ही रोजा खोलते हैं. इसके साथ सेहत के लिहाज से भी खजूर खूब फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर न्यूट्रिएंट्स, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर होता है और इससे इंस्टेंट एनर्जी मिलती है.


कहां से आता है खजूर


दुनियाभर के आधे से ज्यादा खजूर का उत्पादन मिस्र, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों में किया जाता है. मिस्र दुनिया का शीर्ष खजूर आपूर्तिकर्ता है जो 18 प्रतिशत खजूर का उत्पादन करता है, सऊदी अरब में लगभग 17 प्रतिशत, ईरान 14 प्रतिशत खजूर उत्पादन करता है. इसके अलावा अल्जीरिया, इराक, पाकिस्तान, सूडान,  ओमान, ट्यूनीशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में भी खजूर का उत्पादन होता है. 


खजूर के बारे में रोचक तथ्य



  • खजूर के पेड़ नर और मादा दोनों ही होते हैं. लेकिन केवल मादा पौधे में ही फल पैदा होते हैं.

  • खजूर के मुख्यत: 8 किस्म होते हैं जिसका उत्पादन अलग-अलग देशों में होता है. ये 8 किस्म के खजूर को क्रमश: डेगलेट नूर, मेडजूल,बरही, हल्लवी, हयानी,खदरावई, डेयरी और इतिमा कहा जाता है.

  • खजूर की खेती हजारों सालों से की जा रही है. पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार, पूर्वी अरब में 5530 और 5320 बीसी से खजूर की खेती की जा रही है.

  • सऊदी अरब के मदीना का खजूर दुनिया का सबसे महंगा खजूर है.


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