सभी के जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं. विशेष तौर पर आर्थिक समस्या इंसान के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है. अक्सर लोग आर्थिक संकट को दूर करने के लिए कर्ज ले लेते हैं लेकिन यह कोई आसान विकल्प नहीं है. कर्ज लेना जितना आसान होता है उतना ही मुश्किल इसे चुकाने में आती है.


धार्मिक मान्याताएं कहती हैं कि कुछ मौके ऐसे होते हैं कि अगर उस वक्त कोई कर्ज लिया जाता है तो जिंदगी भर चुकाने से भी वह चुकता नहीं होता है. हम आपको बता रहे हैं चार ऐसे मौके जब कर्ज लेना बहुत भारी पड़ सकता है.


सप्ताह के तीन दिन-  मंगलवार, शनिवार और रविवार को कर्ज नहीं लेना चाहिए.


योग- वृद्धि योग, द्विपुष्कर योग और त्रिपुष्कर योग में कर्ज नहीं लेना चाहिए. मान्यता है कि वृद्धि योग में कर्ज की वृद्धि, द्विपुष्कर योग में कर्ज दोगुना और त्रिपुष्कर योग में कर्ज तीन गुना बढ़ जाता है.


नक्षत्र- हस्त नक्षत्र, मूल, आद्रा, ज्येष्ठा, विशाखा, कृतिका, ध्रुव संज्ञक नक्षत्र अर्थात उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ तथा उत्तराभाद्रपद एवं रोहिणी आदि नक्षत्रों में भी कर्ज नहीं लेना चाहिए.


संक्रांति- संक्रांति में भी कर्ज कभी नहीं लेना चाहिए. एक वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं. सभी संक्रातियों में कर्ज लेन-देन नहीं करना चाहिए.


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