Shiv : शिवलिंग पर किस धातु के कलश से चढ़ाना चाहिए दूध? कल है शिव जी का दिन
December 2021: भगवान भोलेनाथ की कृपा जिस पर हो जाती है, माना जाता है कि उसका बेड़ा पार हो जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है.
December 2021: शिवजी की पूजा सभी कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. मान्यता है कि शिव जी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान शिव अपने भक्तों को कभी कष्ट नहीं होने देते हैं. भगवान शिव जिस पर प्रसन्न हो जाते हैं, उसे सभी प्रकार के सुख प्रदान करते हैं.
13 दिसंबर 2021 को सोमवार है. पंचांग के अनुसार इस दिन मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. सोमवार को चंद्रमा का गोचर मीन राशि में हो रहा है. चंद्रमा भगवान शिव के माथे पर विराजाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक भी बताया गया है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा नीच का अथवा कमजोर अवस्था में है उन्हें भगवान शिव की पूजा करने की भी सलाह दी जाती है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा से बनने वाले अशुभ योगों को बहुत ही खतरनाह बताया गया है.
चंद्रमा से बनने वाले अशुभ योग
ग्रहण योग: चंद्रमा और राहु की युति से ग्रहण योग बनता है, जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है, उसे जीवन कई वर्षों तक सफलता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. जीवन का बड़ा हिस्सा, तनाव, विवाद और कलक में गुजरता है. इस अशुभ योग का समय रहते उपाय कर लेना बेहतर होता है. क्योंकि ये अशुभ योग, धन, सेहत और संबंधों को प्रभावित करता है.
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विष योग: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में इस योग का निर्माण तब होता है जब चंद्रमा और शनि की युति या संबंध बनता है. चंद्रमा को अमृत के समान माना गया है. शनि की दृष्टि को क्रूर माना गया है. जब शनि की दृष्टि चंद्रमा पर पड़ती है तो विषयोग का निर्माण होता है. इस अशुभ के होने से व्यक्ति को अज्ञात भय, निराशा, गंभीर रोग आदि की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. कुंडली के जिस भाव में यह अशुभ योग बनता है, उस भाव के फलों को भी प्रभावित करता है.
सोमवार को भगवान शिव की पूजा
भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में बनने वाले कई अशुभ योगों को दूर किया जा सकता है. सोमवार को भगवान शिव का अभिषक करने से मन को शांति मिलती है और ग्रहों की अशुभता भी दूर होती है.
किस धातु के कलश से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं
शास्त्रों के अनुसार पीतल के कलश से शिवलिंग पर दूध चढ़ाना सबसे उत्तम बताया गया है. धार्मिक कर्मकांड में पीतल के बर्तनों का विशेष महत्व बताया गया है. विवाह आदि के कार्यों में इसीलिए पीतल के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है. सोमवार को पीतल के कलश से ही शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना शुभ बताया गया है. पीतल के बर्तन सेहत की दृष्टि से भी अच्छे माने गए हैं. इसलिए घर में पीतल के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए.