Mantra: पंचांग के अनुसार 11 दिसंबर 2021, को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि है. इस दिन को दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन शनिवार का दिन भी है. शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनि देव को समर्पित है. 


शास्त्रों में एक मंत्र ऐसा भी बताया गया है कि जिसके जाप से मां दुर्गा और शनि देव दोनों की कृपा पाई जा सकती है. मां दुर्गा को जहां शक्ति का प्रतीक बताया गया है, वहीं ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश बताया गया है. एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने सूर्य पुत्र शनि देव को को न्यायाधीश की उपाधि प्रदान की हुई है. शनि देव को कलियुग का कर्मफलदाता भी कहा गया है. शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. 


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इन 5 राशियों पर शनि की है दृष्टि
ज्योतिष गणना के अनुसार वर्तमान समय में मिथुन राशि, तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की साढे़साती चल रही है. इसलिए 11 दिसंबर 2021 का दिन इन राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि की अशुभता से बचा जा सकता है. 


11 दिसंबर 2021 को है दुर्गाष्टमी 
पंचांग के अनुसार इस दिन दुर्गाष्टमी  है. इसे मासिक दुर्गाष्टमी भी कहते हैं. इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. 


मां दुर्गा का मंत्र
मां दुर्गा के इस मंत्र को बहुत ही प्रभावशाली बताया गया है. इस मंत्र को 'नवार्ण' मंत्र कहा जाता है. नर्वाण से तात्पर्य 9 अक्षर. नर्वाण मंत्र में 9 अक्षर आते हैं. इस मंत्र का प्रत्येक अक्षर एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इस मंत्र का जाप नवरात्रि में करना बहुत ही शुभ माना गया है. यह मंत्र शनि ग्रह की अशुभता को दूर करने के साथ अन्य सभी ग्रहों की अशुभता को भी दूर करता है. ये है नवार्ण मंत्र-


''ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे''


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