Devshayani Ekadashi Puja: हिंदू धर्म में एकदाशी तिथि का विशेष महत्व है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकदाशी कहा जाता है. देवशयनी एकादशी 29 जून,  को मनाई जाएगी. मान्यताओं के अनुसार इस दिन से ही भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. इस तिथि को भगवान विष्णु के लिए व्रत और पूजा करने की परंपरा है. धार्मिक कार्य, शुद्धता, त्याग, दान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए यह तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है.


देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि के भजन गाए जाते हैं और उनके लिए व्रत रखा जाता है. जो लोग व्रत नहीं रखते हैं वो इस दिन सात्विक आहार का सेवन करते हैं. इस दिन कई जगहों पर सुन्दरकांड और भागवत का पाठ भी किया जाता है. देवशयनी एकादशी का व्रत करन से पापों का नाश होता है और पुण्य की वृद्धि होती है. इस दिन घर में कुछ चीजें लाना बहुत शुभ माना जाता है. 



हाथी 


हिंदू धर्म में हाथी को बहुत शुभ और पूजनीय माना जाता है.  भगवान गणेश का मस्‍तक गजराज का और इंद्र देव का वाहन भी ऐरावत हाथी है. वास्‍तु शास्‍त्र में भी हाथी को बहुत शुभ माना जाता है. देवशयनी एकादशी के दिन अपने घर में चांदी, पीतल या तांबे का हाथी घर लेकर आएं. माना जाता है कि इस घर में हाथी लाने से मां लक्ष्‍मी की कृपा बरसती है औ घर धन-धान्‍य से भर जाता है.


कामधेनु गाय 


हिंदू धर्म में कामधेनु गाय की पूजा की जाती है. गाय को मां का दर्जा दिया जाता है. कामधेनु गाय को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है. यह बहुत  पवित्र मानी जाती है. 
देवशयनी एकादशी के दिन घर में कामधेनु गाय की प्रतिमा लाने से घर में खुशहाली आती है. यह गाय सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. इसलिए देवशयनी एकादशी के दिन इसे घर जरूर लाएं.


चांदी की मछली या कछुआ 


घर में मछली या कछुआ रखना बहुत शुभ होता है. देवशयनी एकादशी के दिन चांदी की मछली या पीतल-तांबे का कछुआ घर में लाना अच्छा माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन इन्हें घर में लाने से घर में बरकत आती है. इससे घर की सारी परेशानियां दूर होती हैं. कछुआ या मछली की प्रतिमा को घर की उत्‍तर दिशा में रखना विशेष लाभकारी माना जाता है. 


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