Lakshmi Puja: लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुक्रवार यानि 17 सितंबर 2021, विशेष संयोग बन रहा है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. लक्ष्मी जी का संबंध धन और वैभव से है. 


पंचांग के अनुसार शुक्रवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. चंद्रमा इस दिन मकर राशि में गोचर कर रहा है. इसके साथ 17 सितंबर को श्रवण नक्षत्र बना हुआ है. एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. शास्त्रों में लक्ष्मी जी को भगवान विष्णु की पत्नी बताया गया है.


लक्ष्मी पूजा का महत्व
लक्ष्मी जी को सुख-समृद्धि और वैभव की देवी माना गया है. लक्ष्मी जी को धन का भी कारक माना गया है. लक्ष्मी जी की पूजा जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करने वाली मानी गई है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मान सम्मान में भी वृद्धि करता है.


लक्ष्मी पूजन की विधि
शुक्रवार को सुबह और शाम, लक्ष्मी जी की पूजा करना शुभ माना गया है. इस दिन लक्ष्मी जी की आरती विशेष फलदायी मानी गई है. मान्यता के अनुसार शुक्रवार को प्रात: काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. पूजा में लक्ष्मी जी की प्रिय चीजों को अवश्य शामिल करें. शाम के समय लक्ष्मी आरती के बाद घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद प्रसाद वितरित करना चाहिए. यदि इस दिन व्रत रखते हैं तो व्रत को विधि पूर्वक पूर्ण करना चाहिए.


आज का शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग- पंचांग के अनुसार 17 सितंबर 2021 को प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से 18 सितंबर 2021, शनिवार को प्रात: 03 बजकर 36 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है.


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