धनतेरस है विशेष-
इस बार धनतेरस के प्रवेश के समय सिंह लग्न थी. धनतेरस के प्रवेश के समय चंद्रमा मकर राशि में था. आज शुक्र तुला राशि मे स्वगृही होकर मालव्य योग के साथ विद्यमान है. आज मंगल अपनी उच्च राशि मकर में विद्यमान रहेगा. देव गुरु बृहस्पति मंगल की राशि वृश्चिक में विद्यमान होंगे जो शुभ फल देगा. बिजनेस में तरक्की होगी. धनतेरस को अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी खरीदारी करनी चाहिए. इससे आपको लाभ होगा.
धनतेरस की पूजा का आसान तरीका-
- धनतेरस की शाम को तिल के तेल से आटे या पीतल के दीपक जलाएं.
- पूजा की जगह सुगंध बिखेरें.
- शाम की पूजा में सबसे पहले गणेशजी की पूजा करें.
- गणेशजी की पूजा के बाद लक्ष्मीजी की पूजा करें.
- लक्ष्मीजी की पूजा के बाद भगवान धन्वन्तरि और यमराज जी की पूजा करें.
- फूल और अक्षत से भगवान धन्वन्तरि, गणेशजी, लक्ष्मीजी की पूजा करें.
- पूजा के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यमराज को जल दें.
- पूजा में अनाज निकाल कर रखें.
- पूजा के बाद अनाज का दान करें.
- धनतेरस के दिन गणेशजी की स्थापना करने विशेष लाभ होता है.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त -
5 नवंबर की रात 01:24 बजे से धनतेरस शुरू हो चुका है
धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त राहुकाल में सुबह 08:00 से 09:22 बजे तक है.
प्रदोष काल और वृष लग्न में शाम 06:05 से 08:01 तक है.
नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.