दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही लोग घर की साफ-सफाई करने में लग जाते हैं. इस दौरान घर में रंग-रोगन भी कराया जाता है. रंग-रोगन कराते वक्त ज्यादातर लोग वास्तु के नियमों को अनदेखा कर देते हैं.


यदि हम अपने घर में रंगों का चुनाव वास्तु के नियमों के मुताबिक करेंगे तो हमारे घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास रहेगा. हम आपको बता रहे हैं कि घर में कौन से रंग करवाना शुभ माना जाता है.




  • रंगों का संबंध सत्व, रजस व तमस गुणों से होता है. रंग मनुष्य पर शरीरिक और मानसिक रूप से प्रभाव डालते हैं.

  • घर में हल्के और सात्विक रंगों का प्रयोग करें. आसमानी, हरे, सफ़ेद तथा अन्य हल्के रंगों को सात्विक रंग माना गया है। वहीं तीखे रंग जैसे लाल, नारंगी और गुलाबी रजस कहलाते हैं जो इच्छाओं में वृद्धि करते हैं।

  • घर में तामसिक रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए. तामसिक रंगों में गहरे नीले, भूरे एवं काले रंग जैसे गहरे रंग आते हैं. मान्यता है कि इन रंगों का प्रभाव व्यक्ति पर आलसी बनाता है.

  • हल्का नीला और हरा रंग को स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं.

  • इन रंगों का प्रयोग ड्राइंग रूम में करना चाहिए. बाथरूम में हल्के नीले करवाना शुभ होता है.

  • उत्तर दिशा की तरफ वाले कमरों के लिए नीला रंग और पूर्व दिशा की तरफ वालों के लिए हरा रंग करवाना चाहिए.

  • पीला रंग अध्ययन कक्ष या लाइब्रेरी में करवाना चाहिए. मान्यता है कि पीला रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित व मस्तिष्क को सक्रिय रखता है.

  • बैंगनी रंग का इस्तेमाल योग व साधना कक्ष या पूजा स्थल में करना चाहिए. बैंगनी रंग को उत्साहवर्धक माना गया है.

  • कमरे में सफेद रंग नहीं करवाना चाहिए. वास्तु में इस रंग को अल्पजीवी माना गया है. लेकिन कमरे की छत पर सफेद रंग करवाना चाहिए. इससे अधिक ऊष्मा और प्रकाश रहेगा.


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