Diwali 2020: कन्या, धनु और मकर राशि में मौजूद ग्रह इस बार दिवाली को बना रहे हैं खास
Diwali 2020: दिवाली पर इस बार कई खास योग बन रहे हैं. इन संयोग के कारण इस बार की दिवाली विशेष है. इस दिवाली पर बनने वाले संयोग के बारे में, आइए जानते हैं.
![Diwali 2020: कन्या, धनु और मकर राशि में मौजूद ग्रह इस बार दिवाली को बना रहे हैं खास Diwali 2020 Many Auspicious Yoga In Kanya Rashi Dhanu Rashi Makar Rashi This Time Diwali Is Making Special yoga Diwali 2020: कन्या, धनु और मकर राशि में मौजूद ग्रह इस बार दिवाली को बना रहे हैं खास](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/11204041/deewali.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Diwali 2020: दिवाली का पर्व आने वाला है. दिवाली के पर्व को खुशियों का पर्व भी कहा जाता है. इस पर्व का संबंध लक्ष्मी जी से है. दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. लक्ष्मी जी को सुख समृद्धि का देवी कहा गया है साथ ही साथ इन्हें धन की देवी भी कहा गया है.
ग्रह और नक्षत्र की चाल पर इस बार दिवाली को बहुत ही खास बना रहे हैं. पंचांग के अनुसार 14 नवंबर को दिवाली का पर्व है. इस दिवाली पर लिया गया संकल्प, मनोकामना, विशेष कार्य और शुभ कार्य पूर्ण होने के प्रबल योगों का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार दिवाली पर देव गुरु बृहस्पति ग्रह धनु राशि में गोचर कर रहे हैं, धनु राशि बृहस्पति की अपनी राशि है. शनि देव मकर राशि में मौजूद रहेंगे. मकर राशि शनि की राशि कहलाती है. इसके अलावा शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा. विशेष बात ये हैं कि इस दिन पंचांग के अनुसार चंद्रमा और सूर्य तुला राशि में विराजमान रहेगा.
दिवाली पर ग्रहों की ऐसी स्थिति 499 सालों बाद बन रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की ऐसी स्थिति इससे पहले 1521 में बनी थी. दिवाली के बाद 16 नवंबर को सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. 16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति है. इसके बाद यानि 20 नवंबर को गुरु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. गुरु शनि के साथ आने वाले हैं. इस दिन गुरु धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में गोचर करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शनि का योग शुभ फल प्राप्त करता है. शनि और गुरु का आपस में सम संबंध हैं. यानि ये एक दूसरे को हानि नहीं पहुंचाते हैं.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त दिवाली पर लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. दिवाली पर प्रदोषयुक्त अमावस्या की तिथि को स्थिर लग्न और स्थिर नवांश में लक्ष्मी पूजन करना अच्छा माना गया है. 14 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5:33 से रात 8:12 तक रहेगा. इस दिन लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 5:49 से 6:02 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में आप लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं.
Chanakya Niti: सामने वाले को प्रभावित करना है तो चाणक्य की इन 5 बातों को जीवन में उतार लें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)