Diwali 2021: दिवाली का पर्व पंचांग के अनुसार 4 नवंबर 2021, गुरुवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है.  इस दिन रोशनी करते हैं और शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं. दिवाली का पर्व लक्ष्मी जी को समर्पित है. कलियुग में लक्ष्मी जी को प्रमुख देवी माना गया है. लक्ष्मी जी सुख-समृद्धि का प्रतीक है. लक्ष्मी जी को धन की देवी भी कहा गया है. कलियुग में धन को प्रमुख साधन बताया गया है. धन प्राप्त होने पर व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि हर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न रखना चाहता है. दिवाली का पर्व लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उत्तम माना गया है. लेकिन इस पर्व पर कुछ खास बातों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो शुभ की जगह अशुभ फल भी प्राप्त हो सकते हैं.


दिवाली पर बुराइयों से दूर रहें
हिंदू धर्म में पर्व का विशेष महत्व है. पर्व खुशियों में वृद्धि करता है. कोई भी पर्व हो, परिवार और मित्रों के साथ मानना चाहिए. पर्व हमारी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करते हैं. सकारात्मक ऊर्जा विचारों में शुद्धता प्रदान करती है, जो जीवन की सफलता में अहम योगदान निभाते हैं. इसलिए दिवाली पर कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो मर्यादा के खिलाफ और नैतिकता के दायरे से बाहर हो. कई बार लोग अधिक उत्साह में बुराइयों को अपना लेते हैं, ऐसा बिल्कूल भी नहीं करना चाहिए. बुराइयों को अपनाने से पाप ग्रह प्रभाव हो जाते हैं. ये अधिक शक्तिशाली होने पर बुरे परिणाम प्रदान करते हैं. दिवाली का पर्व अमावस्या की रात में मनाया जाता है. अमावस्या में पाप ग्रह राहु और केतु का विशष ध्यान रखना चाहिए और इन बुराइयों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.


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दिवाली पर जुआ न खेलें
दिवाली पर कुछ लोग जुआ खेलते हैं. जुआ खेलने से राहु की अशुभता में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र में जुआ का कारक राहु को माना गया है. इस दिन धन से जुआ खेलना शुभ नहीं होता है. इससे लक्ष्मी जी भी नाराज होती हैं. राहु का प्रभाव बढ़ने से कई बार व्यक्ति मुसीबत में पड़ जाता है. राहु विवाद, जेल और मानसिक तनाव का भी कारक है. इसलिए दिवाली पर इस ग्रह को शांत रखने का प्रयास करना चाहिए. बुराइयों से दूर रहने वाले व्यक्ति को राहु परेशान नहीं करता है. दिवाली पर पूजा, दान और धार्मिक कार्यों को करने से पाप ग्रह शांत रहते हैं.


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