Diwali 2023 Date: हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस बार धनतेरस के अगले दिन यानी 11 नवम्बर को नरक चतुर्दशी नहीं मनाई जाएगी. दरअसल हमारे सारे त्यौहार पंचाग यानी चन्द्र गणना से मनाए जाते हैं न कि सौर गणना वाले अंग्रेजी कैलेण्डर से. पंचाग अनुसार तिथियों की अवधि कभी 24 घंटे रहती है तो कभी इससे अधिक या कम. इस बार पंच पर्व पर ऐसा ही हो रहा है. इस कारण नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली व बडी दीपावली साथ मनाई जाएगी.
एक साथ मनाई जाएगी छोटी-बड़ी दिवाली
11 नवम्बर को चतुर्दशी दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. इसलिए उदय तिथि यानी 12 नवम्बर को पहले नकर चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाएगी. फिर इसी दिन दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 13 नवम्बर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. यानी अगले दिन भी उदय तिथि अमावस होने से गोर्वधन पूजा नहीं होगी. इसलिए दीपावली 12 नवम्बर को ही मनाई जाएगी. दिवाली के बाद होने वाला अन्नकूट भी एक दिन बाद यानी 14 नवम्बर को मनाया जाएगा, फिर 15 नवम्बर को भाई दूज का त्योहार होगा.
नरक चतुर्दशी पर करें ये काम
इस दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इस संसार को नरकासुर नाम के अत्याचारी का वध करके अन्याय, आतंक का खात्मा कर संसार को भय मुक्त बनाया. इसी विजय की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है जिसे छोटी दीपावली के अलावा रूप चतुर्दशी भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सूर्योदय के पूर्व उठकर शरीर पर तिल व तेल की मालिश करके जो स्नान आदि कर शुद्ध होते हैं, उनका रूप निखरता है और सौन्दर्य में लावण्यता आती है.
यह पर्व श्रीकृष्ण की विजय के उपलक्ष में मनाया जाता है. इसलिए इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-आराधना करें. सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर पूजा करें और संध्या के समय विशेष पूजन करें. साथ ही दीपदान करें. मान्यता है कि आज के दिन जो व्यक्ति दीपदान करता है उसे नरक में नहीं जाना पड़ता. इस दिन आप महालक्ष्मी और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए सांयकाल के समय अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक बनाकर उस पर सरसों के तेल का दीपक प्रज्जवलित करें.
दिवाली पर 500 साल बाद कई राजयोग
इस साल दिवाली पर 500 साल बाद कई राजयोग बन रहे है. जिसमें शनिदेव स्वराशि कुंभ में रहकर शश योग, मंगल और सूर्य की युति भी राजयोग बना रही है. साथ ही आयुष्मान योग और तुला राशि में बुधादित्य राजयोग होने से कई राशियों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने वाली है. इनमें मेष, मिथुन और मकर राशि के लोगों के लिए यह राजयोग वरदान साबित होगा. तो वहीं वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि के लोगों को करियर में सफलता और आर्थिक लाभ के साथ घर में खुशियां लेकर आएगा.
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