Vastu : घर की इन जगहों का भूलकर भी न करें अनादर, होगा नुकसान
घर के अंदर कई ऐसी जगहें होती हैं जहां शुभ, लक्ष्मी, शांति और देवों का वास होता है. ऐसी जगहों पर वास्तु विज्ञान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
Vastu : हर चीज की अपनी ऊर्जा होती है जो हम पर सकारात्मक या नकारात्मक तरीके से असर डालती है. वास्तु में हर चीज की अपनी दिशा और उसका काम करने का एक तरीका होता है, जिसका पालन नहीं करने पर वास्तु दोष नुकसान पहुंचा सकता है.
घर की तिजोरी : वास्तु शास्त्र कहता है कि घर में जहां कहीं भी रुपए पैसे रखे जाते हैं, तिजोरी या गहने होते हैं वहां साफ सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. यहां भूलकर भी जूते चप्पल पहन कर नहीं जाएं. इनका गंदे हाथों से स्पर्श भी प्रतिबंधित है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं. इसके कारण घर में आर्थिक तंगी आ सकती है.
घर का भंडार : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अंदर बने भंडार गृह में कभी भी अशुद्ध मन विचार या गंदे हाथ-पांव या जूते चप्पल पहनकर बिल्कुल ना जाएं. ऐसा करने से अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं. खाद्यान्न की कमी जैसी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. संभव हो तो पात्र में गेहूं, चावल या अन्य दाल निकाल कर रोजाना प्रणाम करना सार्थक रहेगा.
तिजोरी : वास्तु शास्त्र के अनुसार जो लोग तिजोरी या पर्स जिसमें आभूषण रत्न रुपए पैसे आदि रखते हो, वहां स्वच्छता बहुत जरूरी है. जो लोग जूते-चप्पल पहन कर तिजोरी खोलते हैं, उनसे भी माता लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं. ध्यान रखें कि पर्स खासतौर पर महिलाओं की जेवर आगे रखते हुए या तिजोरी में कोई रुपए पैसे आभूषण, रत्न रखते हुए सबसे पहले नंगे पैर हो जाएं, हाथ पैर धुल कर स्पर्श करें
रसोईघर : घर की रसोई में अन्नपूर्णा मां का वास होता है, यहीं से घर के प्रत्येक सदस्य को तृप्ति मिलती है. अच्छे स्वास्थ्य संपूर्ण आहार का रास्ता भी यहीं से होकर जाता है. हिंदू धर्म में भी मान्यता है कि अन्य का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए. ऐसे में जरूरी है कि रसोई घर में जाते हुए जूते चप्पल निकाल दें. हाथ को स्वच्छ ढंग से धोकर ही प्रवेश करें. खाना तैयार करने वाले के लिए भी यही नियम लागू होते हैं. ऐसा ना करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं जिससे जीवन में संकट आ सकता है.
शयन कक्ष : माना जाता है कि यह जगह घर में शांति, सुख सुविधा और मानसिक शांति देने वाली होती है. ऐसे में यहां कोई भी उत्प्रेरक या शोर-शराबे वाली चीजों को ना रखें. संभव हो तो यहां गंदे कपड़े या कोई भी जूते चप्पल गंदे ना रखें. शयन कक्ष में घड़ी रखना सार्थक होगा. कक्ष में आने के बाद परिवार के सदस्यों के साथ प्रेम और स्नेह से व्यवहार करें. ऐसा न करने पर परिवारिक सुख-शांति में बाधा आ सकती है.
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