Shani Upay, Shanidev Puja: ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. कहा जाता है कि इनके प्रकोप से मनुष्य क्या देवता भी डरते हैं. इनकी कुदृष्टि और प्रकोप से बचने के लिए हिंदू धर्म ग्रंथों में कई उपाय बताये गए हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक़, शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनिदेव बेहद खुश होते हैं.  शनिदेव की पूजा के समय इन्हें सरसों का तेल और काला तिल अर्पित किया जाता है. इससे शनिदेव बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं. शनिदेव की वक्री दृष्टि से बचने तथा उन्हें प्रसन्न करने के लिए नीचे दिए गए ये उपाय जरूर करने चाहिए. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों का जीवन सुखमय होता है.


शनिदेव के उपाय (Shani Upay)


पीपल की पूजा: पौराणिक कथाओं के मुताबिक, शनिदेव पिप्लाद से भयभीत होते हैं. मान्यता है कि जो लोग शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करते हैं उन्हें शनिदेव कुछ भी नहीं कहते हैं. इस लिए लोगों को चाहिए कि शनिवार के दिन सुबह सूर्योदय के पहले स्नान करके पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें और वृक्ष की पूजा करें. इसके बाद शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.


हनुमान जी पूजा: धार्मिक मान्यता है कि जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हे शनिदेव कभी भी परेशान नहीं करते. कहा जाता है कि हनुमान जी ने शनिदेव को रावण के कैद से मुक्त कराया था. तब शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि वे हनुमान जी को कभी परेशान नहीं करेंगे और नहीं उन पर कभी कुदृष्टि डालेंगे. परंतु बाद में शनिदेव अपने वचन से मुकरते हुए हनुमान जी को परेशान करने पहुँच गए. तब हनुमान जी ने शनिदेव को अपने सिर पर बैठने के लिए कहा. शनिदेव हनुमान जी के सिर पर बैठ गए. तब हनुमान जी ने एक भारी पर्वत अपने सिर पर रख लिया. जिसके कारण शनिदेव उस भारी पर्वत से दब गए. तब उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी. उस समय शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया कि अब वे हनुमान जी के साथ-साथ उनके भक्तों को भी परेशान नहीं करेंगे. इसलिए शनिवार के दिन जो हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें शनिदेव कुछ नहीं कहते.




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