Shani Mahadasha Upay: शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं और इनका सांसारिक जीवन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. अगर यह आपके राशि में प्रवेश कर जाते हैं, तो आपके ऊपर अमंगल की छाया पड़ने लगती है. कर्मफल के दाता भगवान शनि के प्रकोप से बचने के लिए आपको इन्हें प्रसन्न रखना अति आवश्यक है. जिससे इनकी कुदृष्टि से बचा जा सके और कृपा दृष्टि प्राप्त की जा सके. शनि की महादशा के प्रभाव से घर में आर्थिक तंगी आ जाती है. गृह क्लेश शुरू हो जाता है. शारीरिक रोग बढ़ जाते हैं, और तमाम तरह की विघ्न बाधाएं हमारे घर के सुख शांति को भंग करने लगती है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने की आवश्यकता है. आइए उन उपायों के बारे में जानें:-
छाया दान: जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा चल रही हो उस व्यक्ति को एक कटोरे में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखना चाहिए और वह सरसों का तेल शनिदेव के मंदिर में जाकर किसी को दान कर देना चाहिए. ऐसा करने से शनि का प्रकोप कुछ कम हो जाता है.
काली वस्तुओं का दान: शनि के प्रकोप से बचने के लिए काला तिल, काला चना, सप्तधान, लोहा और सरसों का तेल ले जाकर किसी गरीब को दान करें. पीपल के पेड़ में काला धागा बांधने पर भी शनि की महादशा से बचा जा सकता है. शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं और शनि देव के चरणों में सरसों का तेल समर्पित करें.
शनिवार व्रत: शनिवार को भगवान शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए व्रत रखना चाहिए. पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए. पीपल की पूजा करनी चाहिए. पीपल को भगवान कृष्ण ने अपना ही स्वरूप बताया है, इसलिए पीपल की पूजा करने पर शनिदेव प्रसन्न होते हैं. रोटी पर सरसों का तेल लगा कर काले कुत्ते को खिलाएं, इससे शनि का प्रकोप कम होगा और आपको कार्य में सफलता प्राप्त होगी.
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