Earthquake Signal: भूकंप आने से पहले संकेत जरुर देता है, लेकिन हम इन संकेतों को समझ नहीं पाते, भूकंप जब भी आता है विनाश लेकर आता है. ऐसा माना जाता है कि भूकंप आने से पहले संकेत जरुर देता है लेकिन प्रकृति ही एक मात्र ऐसी है जो इस संकेत को समझ लेती है. प्रकृति को इस बात का अंदाजा पहले से हो जाता है भूकंप आने वाला है.


केवल भूकंप ही नहीं बल्कि सभी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में प्रकृति को हमसे पहले पता चल जाता है, और संकेत भी देते हैं. चूहे, सांप, नेवले ये सब अपना घर छोड़ कर भागने लगते है और सभी अलग-अलग तरह की आवाज निकालने लगते हैं.


चाहे पक्षी हो या फिर गली के कुत्तें अपनी अलग आवाज से लोगों के सचेत करते हैं, लेकिन हम इनके इस इशारों को समझ नहीं पाते. पक्षी अपना घोसला छोड़ कर उड़ जाते है. ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि धरती के अंदर होने वाली हलचल इन्हें समझ आ जाती है.


कहा जाता है कि भूकंप आने से पहले मौसम में भी बदलाव शुरु हो जाता है, या तो तापमान बढ़ जाता है या कम हो जाता है. मोबाइल के सिग्नल में भी गड़बड़ी शुरु हो जाती है, टीवी या रेडियो के सिग्नल में भी खराबी आनी शुरु हो जाती है.


ऐसा माना जाता है कि भूकंप अकसर ग्रहों की चाल के अनुसार भी आते हैं. तुक्री और सीरिया के लिए भूकंप की भविष्यवाणी 3 फरवरी को ही की जा चुकी थी, और उसके ठीक 3 दिन के बाद ही विनाशकारी भूकंप ने पूरे तुर्की को हिला के रख दिया .


ज्योतिष शास्त्र और भूकंप


ज्योतिष शास्त्र कि बात करें तो जब आकाश में मंगल और शनि ग्रह एक-दूसरे के 180 डिग्री की दूरी पर हो या बृहस्पति ग्रह वृषभ और वृश्चिक राशि में होकर बुध से संयोग कर रहा हो या उसके बराबर हो तो भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है. इसी तरह जब नेपच्यून यूरेनस को बृहस्पिति की दृष्टि से प्रभावित कर रहा हो तो भी भूकंप आने के संभावना ज्यादा होती है.


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