Earthquake Connection of Amavasya and Purnima: 22 मार्च 2023 की रात करीब 10 बजे उत्तर भारत समेत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और चीन में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता 6.8 बताई जा रही है. ज्योतिष शास्त्र में भूकंप आने की संभावना की भविष्यवाणी पहले ही कर दी जाती है. यह भविष्यवाणी संभावित समय से लेकर एक माह तक की होती है.


ज्योतिष शास्त्र में भूकंप की भविष्यवाणी


ज्योतिष शास्त्र ग्रह-नक्षत्रों के साथ ही खगोलीय घटनाओं की गणना की सटीक जानकारी देता है. ज्योतिष को वेदों का नेत्र कहा जाता है. पंचांग मात्र से ही ज्योतिष गणना के आधार पर सालों तक आने वाले ग्रहण, अमावस्या और पूर्णिमा की सटीक जानकारी दे देता है और यहां तक कि भूकंप का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है.



अमावस्या-पूर्णिमा का भूकंप से कनेक्शन



  • गर्ग संहिता में बताया गया है कि मंगल, शनि, राहु और गुरु जैसे बड़े ग्रह जब परस्पर क्रेंद या त्रिकोण में होते हैं तब भूकंप आने की आशंका काफी बढ़ जाती है.

  • ज्योतिष के अनुसार, अधिकतर बड़े भूकंप रात्रि, मध्यरात्रि, मध्याह्न या ब्रह्म मुहूर्त के समय ही आते हैं.

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अधिकतर भूकंप सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण, पूर्णिमा और अमावस्या के आसपास आते हैं.

  • हाल ही में तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप के दिन 5 फरवरी को पूर्णिमा थी अगली सुबह भूकंप आया. संयोग से 22 मार्च को आए भूकंप के दिन भूतड़ी अमावस्या या चैत्र अमावस्या थी.

  • बड़े ग्रह जैसे मंगल, शनि, राहु और गुरु जब पृथ्वी तत्व की राशियां जैसे वृषभ, कन्या व मकर और वायु तत्व की राशियां जैसे कुंभ, तुला या मिथुन में होती हैं तो ऐसी स्थिति में विनाशकारी भूकंप आने की संभावना अधिक होती है. 


ग्रहण से भूकंप का कनेक्शन


ज्योतिष के अनुसार, जब ग्रहण पड़ते हैं या ग्रहण लगने वाला होता है तो उसके 40 दिन पहले और 40 दिन बाद यानी 80 दिनों के अंतराल में भूकंप आने की संभावना होती है. सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के पहले या बाद आए भूकंप के कई तथ्य भी मिलते हैं. 22 मार्च को भी भूकंप आया और 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है.


भूकंप आने से पहले के संकेत


बृहत् संहिता ग्रंथ के 32वें अध्याय में ‘भूकंप लक्षण’ में बताया गया है कि, भूकंप आने से पहले आसमान में चारों ओर धुंआ, धूल भरी आंधी, सूर्य की किरणों का धीमा पड़ना, अग्नि मंडल के नक्षत्रों में तारे टूटना, उल्का पात होना, जंगल में आग लगना आदि जैसे संकेत दिखाई पड़ते हैं.


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