Gajkesari Yoga: कुंभ राशि में वर्तमान समय में देव गुरु बृहस्पति विराजमान हैं. कुभ राशि में गुरु वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. गुरु बीते 20 जून 2021 को कुंभ राशि में वक्री हुए थे. पंचांग के अनुसार अब गुरु 14 सितंबर 2021 को प्रात 11 बजे मार्गी होंगे.


कुंभ राशि में गजकेसरी योग
पंचांग के अनुसार 22 से 24 अगस्त तक कुंभ राशि में अत्यंत शुभ योग बना है. श्रावण मास की पूर्णिमा की तिथि में प्रात: 07 बजकर 57 मिनट पर चंद्रमा ने कुंभ राशि में प्रवेश किया था. चंद्रमा और गुरु की युति बनते ही, कुंभ राशि में गजकेसरी योग निर्माण हुआ है. ये योग कुंभ राशि में 24 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट रहेगा. इसके बाद चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करेगा.


गजकेसरी योग का फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गजकेसरी योग का निर्माण होता है तो व्यक्ति को अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं. शिक्षा, जॉब, करियर और बिजनेस के क्षेत्र में गजकेसरी योग अच्छे फल प्रदान करता है. धनु राशि और मीन राशि के स्वामी गुरु हैं. इसलिए जब इन राशियों में गजकेसरी योग बनता है तो अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं.


कुंभ राशिफल
गजकेसरी योग बनने के कारण ये दो दिन कुंभ राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण है. इस दौरान रूके हुए कार्य पूर्ण होंगे. शिक्षा और जॉब के क्षेत्र में अच्छे समाचार प्राप्त हो सकते हैं. विवाह संबंधी कार्यों में आने वाली बाधा दूर हो सकती है. निवेश और नए कार्यों को आरंभ कर सकते हैं. इस दौरान सेहत का भी ध्यान रखें. अहंकार से दूर रहें, गलत कार्यों को करने से बचें.


गुरु का उपाय
गुरु को बलवान बनाने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है. इसलिए इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग करें. गुरु के मंत्र -ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: का जाप करना चाहिए.


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