Gajkesari Rajyog 2023, Vikram Samvat 2080: ज्योतिष और हिंदू धर्म के लिए 22 मार्च 2023 का दिन कई मायनों में बेहद खास होने वाला है. 22 मार्च 2023 को हिंदू नव वर्ष यानी विक्रम संवत 2080 शुरू हो रहा है और इसी दिन मीन राशि में गुरु और चंद्र की युति से गजकेसरी राजयोग का भी निर्माण होगा. वहीं चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से हो रही है.


हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. वहीं इसी दिन 22 मार्च 2023 को गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा. यह राजयोग मीन राशि में गुरु और चंद्र ग्रह की युति से बनेगा, जिसका प्रभाव कई राशियों पर पड़ेगा. लेकिन तीन राशियों को विशेष लाभ होगा और इस योग के कारण उन्नति के मार्ग भी प्रशस्त होंगे. इतना ही नहीं इस लाभ का फल इन राशि वालों को पूरे साल मिलेगा. जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां-




  • सिंह राशि (Leo Zodiac)- सिंह राशि वालों के लिए हिंदू नववर्ष के साथ पूरा साल लाभप्रद रहने वाला है. क्योंकि गजकेसरी राजयोग आपकी राशि से अष्टम भाव में बनेगा. ऐसे में पेशेवरों को नए-नए अवसर मिलेंगे, व्यापारियों को मुनाफा होगा और शोध से जुड़े लोगों को भी लाभ मिलेगा. गजकेसरी राजयोग हिंदू नववर्ष पर आपको खूब धनलाभ दिला सकता है.

  • मिथुन राशि (Gemini Zodiac)- मिथुन राशि वाले लोगों के लिए हिंदू नववर्ष शुभ रहेगा. आपकी इस साल देव गुरु बृहस्पति आपकी राशि से लाभ स्थान पर हैं. वहीं गजकेसरी राजयोग के साथ ही बुधादित्य राजयोग भी आपकी कुंडली के दशभ भाव में बन रहे हैं, जिसका आपको लाभ मिलेगा. इस दौरान नौकरी-पेशा से जुड़े लोगों के आय और पद में वृद्धि हो सकती है.

  • मीन राशि (Pisces Zodiac)- गजकेसरी राजयोग आपकी राशि के लग्न में ही बनेगा. इससे आपके आत्मसम्मान में वृद्धि होगी और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे. किसी भी काम के लिए यह समय आपके लिए अत्यंत ही शुभ रहेगा. खासकर शिक्षक, लेखन और अध्ययन क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस साल खूब प्रसिद्धि और सफलता हासिल होगी.


कैसे बनता है गजकेसरी राजयोग


22 मार्च को मीन राशि में गुरु और चंद्र की युति से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा. गज का अर्थ हाथी और केसरी का अर्थ सिंह होता है. कुंडली में यह योग हाथी और सिंह के संयोग के बनता है. यानी जब कुंडली में गुरु और चंद्र मजबूत होते हैं तब गजकेसरी योग बनता है.


गजकेसरी योग तब शक्तिशाली योग बनता है जब किसी कि कुंडली में चंद्र और गुरु एक दूसरे की ओर दृष्टि करके केंद्र में बैठे हों. ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को देवताओं के गुरु होने का गौरव प्राप्त है. वहीं चंद्र ग्रह को मन का कारक कहा जाता है. ऐसे में गुरु और चंद्र की युति से बनने वाले गजकेसरी योग से अपार सफलता मिलती है. जिनकी कुंडली में यह योग होता है, उन्हें राजा-महाराजाओं जैसा सुख प्राप्त होता है.


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