ज्योतिष शास्त्र में गजकेशरी योग चंद्रमा और बृहस्पति के संयोग से बनता है. नव संवत्सर में 4 से 7 मई 2021 के दौरान चंद्रमा और बृहस्पति कुंभ राशि में गजकेशरी योग का निर्माण करने वाले हैं. यह योग धनधान्य और सुख का कारक माना जाता है. धनदात्री मां महालक्ष्मी कृपा बरसाती हैं.
इस योग के मध्य 6 मई को गुरुवार है. इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करें. पुरुष सूक्त और लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें. विष्णु सहस्त्रनाम जपें. केले की पूजा के साथ पीली चीजों का दान योग्य व्यक्तियों विद्वानों और पूजा कर्म से ब्राह्मणों को करें. गाय को रोटी खिलाएं.
गजकेशरी योग में महालक्ष्मी की पूजा से विवाह योग्य लोगों को शुभ प्रस्ताव प्राप्त होते हैं. गुरु संबंधी दोष दूर होते हैं. गजकेशरी योग 4 मई को रात्रि 8 बजकर 42 मिनट से आरंभ होगा. यह 7 मई की सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. बता दें कि ज्योतिष में गजकेशरी योग को सर्वाेत्तम योगों में से एक माना जाता है.
कर्क राशि में यह योग सर्वाेत्तम होता है. वर्तमान में यह शनिदेव की राशि में बन रहा है. शनिदेव जनता के कारक हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि उक्त गजकेशरी योग से जनता को राहत प्राप्त होगी. जन सामान्य में फैलीं व्याधियों में कमी आएगी. आर्थिक अवरोध दूर होंगे. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हल होंगी. चंद्रमा फेफड़ों का कारक ग्रह माना जाता है. गुरु के साथ श्वास संबंधी कठिनाई घटेगी.