Ganesh Utsav 2021: गणेश उत्सव घरो में बड़ी ही श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जा रहा है. गणेश उत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी से आरंभ होता है और भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी की तिथि तक मनाया जाता है. गणेश उत्सव 10 दिनों चलता है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. इस दिन को गणेश चतुर्थी कहा जाता है. इसी दिन विघ्नहर्ता का घर में आगमन होता है, गणेश जी घर में स्थान और सम्मान प्रदान किया जाता है, दस दिन बाद गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. 


गणेश उत्सव का हर दिन महत्वपूर्ण माना गया है. इन 10 दिनों में गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि दस दिनों में विधि पूर्वक गणेश जी की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. 14 सितंबर 2021 को गणेश उत्सव का चौथा दिन है. इस दिन गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है.


14 सितंबर 2021 का पंचांग
पंचांग के अनुसार 14 सितंबर 2021, मंगलवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी. इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा. वृश्चिक राशि में केतु पहले से ही विराजमान है. चंद्रमा जब पाप ग्रह केतु के संपर्क में आता है तो ग्रहण का योग का निर्माण होता है. इस दिन चंद्रमा से बनने वाले ग्रहण का भी समापन होगा. प्रात: 07 बजकर 05 मिनट पर चंद्रमा वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करेंगा. 14 सितंबर को ज्येष्ठा नक्षत्र प्रात: 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. इसके बाद मूल नक्षत्र आरंभ होगा. मंगलवार को आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है. इस योग को शुभ माना गया है.


अष्टमी की तिथि का महत्व
हिंदू धर्म में अष्टमी की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन राधा अष्टमी का पर्व भी है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की विशेष पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन गौरी विसर्जन भी है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन दुर्गा की जी की विशेष पूजा की जाती है. मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है, इसलिए इस दिन हनुमान पूजा का भी महत्त्व बढ़ जाता है.


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