Ganesh Chaturthi 2022, Patthar Chauth: धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि यानी गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए, नहीं तो कलंक लगता है. यदि भूलवश गणेश चतुर्थी के दिन चांद दर्शन कर लिया तो व्यक्ति के ऊपर झूठा कलंक लगने की मान्यता है. उसे पाप लगता है और झूठे आरोप झेलने पड़ते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस कलंक से बचने के लिए दूसरे के छत पर 5 पत्थर फेंकना चाहिए. आइये जानें इस दिन को क्यों कहा जाता है पत्थर चौथ और कलंक चतुर्थी?


गणेश चतुर्थी को क्यों कहते हैं पत्थर चौथ या कलंक चतुर्थी


पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश प्रेम पूर्वक अपनी पसंदीदा मिठाई खा रहे थे. उधर से गुजर रहे चंद्रदेव भगवान गणेश के पेट और हाथी के सूंड जैसा मुख देखकर हंस पड़े और अपनी सुंदरता पर घमंड करते हुए उनका उपहास भी किया. इससे नाराज होकर गणेश जी ने चंद्रदेव को उनके स्वरूप खोने और सभी कलाएं नष्ट होने का श्राप दे दिया और यह भी कहा कि जो भी तुम्हारे दर्शन करेगा, उसे कलंकित होना पड़ेगा. तब चंद्र देव अपनी गलती का एहसास करते हुए भगवान गणेश की विधिवत पूजा की और तप किया. साथ ही अपनी भूल के लिए क्षमा याचना भी की.


उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने चंद्रदेव को एक वरदान मांगने को कहा. तब चंद्रदेव ने श्राप निष्फल होने का वरदान मांगा. इस पर गणेश भगवान ने दिया श्राप वापस न लेते हुए उसे सीमित कर दिया तथा चंद्र दर्शन से कलंकित होने का श्राप सिर्फ इस चतुर्थी के दिन ही मान्य होने का वरदान दिया. यह घटना जिस दिन घटित हुई थी. उस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि थी.


उपाय


जो इस दिन भूलकर चंद्रमा का दर्शन कर लेता है. उसे 5 पत्थर किसी दूसरे की छत पर फेंकने होंगे. मान्यता है कि ऐसा करने से इसका यह दोष समाप्त हो जाता है.  




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.