Ganga Saptami 2023: स्वर्ग से पृथ्वी पर कैसे अवतरित हुईं गंगा? जानें यह पौराणिक कथा
Ganga Story: 27 अप्रैल को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही मां गंगा स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर आई थीं. जानते हैं गंगा मां की इस पौराणिक कथा के बारे में.
Ganga Saptami Rituals: वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी का दिन गंगा मां की उत्पत्ति का दिन माना गया है. इस दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार गंगा सप्तमी कल यानी 27 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन किया गया गंगा स्नान और दान-पुण्य विशेष महत्व रखता है. माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस दिन को कई स्थानों पर गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सप्तमी तिथि को ही मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान भोलेशंकर की जटाओं में समाई थीं. जानते हैं इस पौराणिक कथा के बारे में.
स्वर्ग से पृथ्वी पर कैसे आईं गंगा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में एक भागीरथ नाम के एक प्रतापी राजा थे. अपने पूर्वजों को श्राप से मुक्त करने के लिए उन्होंने मां गंगा को धरती पर लाने का प्रण किया. अपनी कठोर तपस्या से उन्होंने मां गंगा को प्रसन्न कर लिया और उनसे धरती पर आने का आग्रह किया. राजा की तपस्या से खुश होकर मां गंगा धरती पर आने के लिए मान गईं. उन्होंने राजा को बताया कि अगर वो सीधे स्वर्ग से पृथ्वी पर आएंगी, तो पृथ्वी उनका वेग सहन नहीं कर पाएगी और रसातल में चली जाएगी. मां गंगा कि ये बात सुनकर राजा भागीरथ संकट में पड़ गए.
माना जाता है कि गंगा जी को इस बात का अभिमान था कि उनका वेग कोई सहन नहीं कर सकता है. अपनी समस्या के समाधान के लिए राजा भागीरथ ने भोले शंकर की आराधना शुरू कर दी. भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर शंकर भगवान प्रकट हुए. भागीरथ ने जब उन्हें अपनी समस्या बताई तो शिव जी राजा को एक समाधान दिया.
पौराणिक कथा के अनुसार, जैसे ही गंगा जी स्वर्ग से धरती पर उतरने लगीं तो उनका अभिमान दूर करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें जटाओं में बांध लिया. इसके बाद उन्होंने शिव जी से मांफी मांगी. शिव जी ने मां गंगा को माफ कर उन्हें अपनी जटाओं से मुक्त कर दिया. मुक्त होने के बाद गंगा जी सात धाराओं में प्रवाहित हुईं. इस तरह राजा भागीरथ गंगा जी को धरती पर लाने में सफल हुए.
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