Garuda Purana Shiksha: गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में से एक माना जाता है. माना जाता है कि इस पुराण में बतायी गई सभी बातें भगवान विष्णु ने स्वयं अपने मुख से कहीं हैं. इस पुराण में मरने के बाद की भी जिंदगी के बारे में बताया गया है. जिसमें बताया गया है कि मनुष्य पृथ्वी जैसे भी कर्म करता है, उसे परलोक में वैसा ही फल मिलता है. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में कुछ ऐसी बातों के बारे में भी बताता गया है, जिन्हें किसी भी व्यक्ति को नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनको करने से आयु कम होती है.


क्या नहीं करना चाहिए


देर से उठना है
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग सुबह देर तक सोते हैं, वे अपनी आयु को कम करते हैं क्योंकि सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शुद्ध हवा होती है. व्यक्ति को श्वसन संबन्धित रोग नहीं होते और उसकी आयु बढ़ती है. देर तक सोने वाले लोग सुबह की जीवनदायी हवा को ग्रहण नहीं कर पाते. ऐसे में वे तमाम रोगों से घिरे रहते हैं.


रात में दही का सेवन 
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग रात में दही का सेवन करते हैं उन्हें सांस और शीत प्रकृति के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. कुछ लोग रात में दूध का भी सेवन करते हैं.दही खाने के बाद दूध पीना आयुर्वेद के अनुसार भी सही नहीं माना गया है. दही का प्रयोग रात में नहीं करना चाहिए.


श्मशान का धुआं 
गरुड़ पुराण के अनुसार, श्मशान के धुंए से दूर रहना चाहिए. क्योंकि मृत्यु के बाद मनुष्य के शरीर को जलाया जाता है और उसमें कई प्रकार के विषैले तत्‍व धुंए के साथ हवा में आकर घुल जाते हैं. इन विषैले तत्‍वों में कई प्रकार के वायरस और बैक्‍टीरिया मौजूद होते हैं. उस समय पास में खड़े व्यक्ति के सांस लेने पर वह शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं,जो कई रोगों को जन्म देता है. इससे व्यक्ति की उम्र घटती है.


बासी मांस का सेवन
गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर आप बासी यानी कई दिन का रखा मांस खा रहे तो आपकी ऊम्र कम हो सकती है. क्योंकि पुराने मांस में खतरनाक बैक्टीरिया पनप जाते हैं. ऐसे में अगर आप इसे खाते हैं तो ये बैक्टीरिया आपके पेट में पहुंचकर आपको तमाम बीमारियों से ग्रसित बना देते हैं. ये रोग मनुष्य की आयु कम करते हैं.


सुबह के समय रोमांस 
गरुड़ पुराण के अनुसार, सुबह के समय य़ा फिर अधिक बार शारीरिक संबंध बनाने से शरीर कमजोर होता है. एक समय ऐसा आता है कि आपका शरीर रोगों से लड़ने की ताकत को खो देता है. यही वजह है कि योगी और ऋषियों ने सुबह का समय योग, प्राणायाम और ध्यान के लिए निश्चित किया है ताकि इस समय शरीर में शक्ति का संचय किया जा सके.


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