Garuda Purana: सौभाग्य, स्वास्थ्य, मित्र और विद्या किन कारणों से हो जाते हैं नष्ट, गरुड़ पुराण में बताई गई है वजह
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में गुप्त रहस्यों और गूढ़ ज्ञान से अवगत कराया गया है. जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को इस ग्रंथ में नीतिसार बताया गया है, जिसका अनुसरण करने पर व्यक्ति सुखी जीवन जीता है.
Garuda Purana, Lord Vishnu Niti in Hindi: हिंदू धर्म को लेकर अनेकों ग्रंथ, वेद और पुराण लिखे गए हैं. लेकिन सभी पुराणों में गरुड़ पुराण को महत्वपूर्ण माना गया है. इसका कारण यह है कि, यह ऐसा ग्रंथ है जिसमें न केवल जीवन बल्कि मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है.
साथ ही गरुड़ में ज्ञान, धर्म और नीति-नियम से जुड़ी बातें भी बताई गई हैं, जिसका अनुसरण करने वाले लोग सुखी जीवन व्यतीत करते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करते हैं. साथ ही इसमें दैनिक जीवन से जुड़ी कुछ बातों को लेकर सीख दी गई है, जिससे कि आप अपने जीवन में परेशानियों से मुक्त रह सकते हैं.
क्यों नष्ट हो जाता है सौभाग्य, स्वास्थ्य, मित्र और विद्या
कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास परिवार, धन, संपत्ति, अच्छा स्वास्थ्य, ज्ञान, मान-प्रतिष्ठा और मित्र सभी चीजें होती हैं. लेकिन धीरे-धीरे जीवन से ये चीजें नष्ट होने लगती है और व्यक्ति खुद को ठगा हुआ या अभागा सा महसूस करने लगता है. लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं कि आखिर सौभाग्य, स्वास्थ्य, मित्र और विद्या ये चीजें क्यों नष्ट हो जाती हैं. गरुड़ पुराण में इन चीजों के नष्ट होने के कारणों के बारे में बताया गया है. आइये जानते हैं इसके बारे में.
- सुख-सौभाग्य के नष्ट होने का कारण: कुछ लोग धन और तमाम तरह की सुख-सुविधाओं से संपन्न होते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी रोज स्नान नहीं करते और गंदे व मैले कपड़े पहनते हैं, ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और इन लोगों का सुख-सौभाग्य भी छिन्न जाता है. साथ ही ऐसे लोगों को समाज में भी मान-सम्मान नहीं मिलता. इसलिए साफ-सुथरे और सुगंधित कपड़े ही पहनें. साथ ही प्रतिदिन स्नान करें.
- इस कारण नष्ट हो जाती है विद्या: चाहे कोई कितना भी बड़ा विद्वान क्यों न हो, निरंतर अभ्यान न करने से वह सबकुछ भूल जाता है और उसकी विद्या नष्ट हो जाती है. इसलिए जो भी सीखें उसका लगातार अभ्यास करें. इस बारे में एक कहावत है- "करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान". इस दोहे का अर्थ है- "मूर्ख व्यक्ति भी यदि निरंतर मन लगाकर अभ्यास करे तो वह भी समझदार बन सकता है".
- स्वास्थ्य का नाश करती है ये चीजें: मनुष्य की असली पूंजी उसका स्वास्थ्य ही है. इसलिए स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए और अन्य कामों की तरह स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि अधिकांश बीमारियों की वजह असंतुलित और अपच भोजन ही है. इसलिए हमेशा सुपाच्य और पौष्टिक भोजन ही करें.
- इस कारण मित्र छोड़ जाते हैं साथ: कभी-कभी हम अपनी छोटी सी गलती के कारण अच्छे मित्र को खो देते हैं. क्योंकि मित्रता का मूलमंत्र है 'विश्वास'. मित्र एक-दूसरे से कई तरह की बातें साझा करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप इन बातों को अपने तक ही सीमित रखें. अगर आप इन बातों की चुगली करते हैं तो इससे मित्रता नष्ट होती है.
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