Garuda Purana: इन कामों से जीवन बनेगा खुशहाल, सात पीढ़ियों का भी हो जाता है कल्याण
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिससे आप न सिर्फ अपना बल्कि अपनी 7 पीढ़ियों का जीवन खुशहाल और कष्टमुक्त बना सकते हैं.
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Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है, जोकि वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है. इसमें भगवान विष्णु ने जीवन और मृत्यु से जुड़े कई गूढ़ रहस्यों के बारे में चर्चा की है.
वैसे तो आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ घर पर किसी की मृत्यु के बाद किया या कराया जाता है. क्योंकि इस पुराण को मोक्ष और सद्गति प्रदान कराने वाला ग्रंथ माना गया है. लेकिन इसी के साथ गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने मानव जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों की भी चर्चा की है, जिसका पालन करने से व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनता है.
जीवन में दुख और सुख हमेशा लगे रहते हैं. लेकिन धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि, व्यक्ति अपने सुख या दुख का भागीदार स्वयं होता है. क्योंकि यह सब उसके द्वारा किए अच्छे बुरे कर्मों का ही फल होता है. इसलिए गरुड़ पुराण अच्छे और पुण्य कर्म करने के लिए प्रेरित करता है. गरुड़ पुराण में ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जो आपके जीवन कष्टमुक्त बनाता है और मृत्यु के बाद ऐसे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं इन कामों को करने से आप अपने साथ ही सात पुश्तों का भी कल्याण करते हैं. इन कामों को करने से आने वाली पीढ़ियों को भी जीवन में दुख का सामना नहीं करना पड़ता है. आइए जानते हैं इन कामों के बारे में-
- अन्नदान: हिंदू धर्म में अन्नदान को महादान के समान माना गया है. इसलिए अपने सामर्थ्यनुसार समय-समय पर गरीबों और जरूरतमंदों में अन्न का दान जरूर करें. इस परोपकार से आप अपना और आने वाली सात पीढ़ियों का जीवन संवार सकते हैं. क्योंकि अन्न दान से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है, जिससे परिवार पर लगे दोषों का नाश हो जाता है.
- ध्यान: विचारों को शुद्ध करने और परमात्मा से स्वयं को जोड़ने के लिए नियमित रूप से ध्यान करना चाहिए. इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और सबका कल्याण होता है
- कुलदेवता का पूजन: सभी परिवार में अपने-अपने कुलदेवी या कुलदेवता जरूर होते हैं. इसलिए इनकी पूजा करना कभी न भूलें. क्योंकि कुलदेवता या कुलदेवी के आशीर्वाद से ही परिवार और परिवार की सात पीढ़ियां फलती-फूलती हैं. इसके साथ ही आपको पितरों के प्रति भी आदर-सम्मान की भावना रखती चाहिए और पितरों के निमित्त दान, श्राद्ध आदि करना चाहिए.
- इन्हें कराएं भोजन: गरुड़ पुराण के अनुसार, जब भी आप भोजन बनाएं तो पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए निकालें. इसके साथ ही प्रतिदिन पक्षियों को दाना डालें और चीटिंयों को चीनी खिलाएं. आसपास मछलियां हों तो उन्हें भी आटे की गोलियां खिलाएं. इन सभी को भोजन कराना प्रतिदिन संभव न हो तो कम से कम एक-दो को जरूर भोजन कराएं.
- भगवान को भोग लगाएं: इस बात को न भूलें कि आपके पास जो कुछ भी है वो ईश्वर का ही दिया हुआ है. इसलिए उन्हें इसके लिए धन्यवाद करना न भूलें. भगवान को धन्यवाद कहने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप जो भी ग्रहण करें सबसे पहले उसे प्रभु को अर्पित करें. इसलिए घर पर बनने वाला भोजन शुद्ध रूप से तैयार करें और सबसे पहले भगवान को इसका भोग लगाएं फिर सपरिवार ग्रहण करें.
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