Garuda Purana Lord Vishnu Niti: हिंदू धर्म में कई ग्रंथ-पुराण लिखे गए हैं. इन सभी का अपना-अपना महत्व होता है. बात करें गरुड़ पुराण कि तो इसे सनातन हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है, जोकि 18 महापुराणों में एक है. गरुड़ पुराण में विशेषकर जीवन-मृत्यु के बारे में उल्लेख किया गया है.


गरुड़ पुराण के कुल 271 अध्याय में 16 अध्याय ऐसे हैं, जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा और पाप-पुण्य के बारे में बताया गया है. पक्षीराज गरुड़ भगवान विष्णु से जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म और मोक्ष मार्ग के बारे में कई प्रश्न करते हैं, जिसका उत्तर भगवान विष्णु देते हैं. इसी का उल्लेख गरुड़ पुराण में मिलता है.



गरुड़ पुराण में स्वर्ग मार्ग के साथ ही कई नरकों के बारे में भी बतलाया गया है. इन्हीं में एक है वैतरणी नदी. इस नदी को गंगा नदी का ही विकराल और रौद्र रूप कहा गया है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि, ऐसे लोग जो अपने जीवन में रुपये-पैसै आदि का कर्ज लेते हैं और उसे लौटाते नहीं हैं, उन्हें यमलोक पहुंचने के लिए इस खतरनाक नदी का सामना करना पड़ता है.


कर्ज नहीं लौटाने वालों को झेलने पड़ते हैं कष्ट


गरुड़ पुराण में ऐसे लोगों के सजा के बारे में बताया गया है, जो कर्ज लेने के बाद लौटाते नहीं है. जो लोग पैसा लेकर लौटाते नहीं है. मरने के बाद उनकी आत्मा को नरक का कष्ट भोगना पड़ता है. ऐसे लोगों की आत्मा को नरक में वैतरणी नदी से होकर गुजरना पडता है. वैतरणी नदी में खतरनाक जीव होते हैं, हड्डियों का ढेर होता है, नदी में खून और मवाद बहते हैं, जो पापी आत्मा को परेशान करते हैं. कहा जाता है कि पापी आत्मा को देखकर यह नदी और भी उग्र हो जाती है, जिसे देखकर आत्मा डर जाती है.


इससे अलावा गुप्त रूप से परेशान करने वाले, झूठ बोलने वाले, दूसरों की खुशी से ईष्या रखने वाले, धोखा देने वाले लोगों की आत्मा को भी वैतरणी नदी का सामना करना पड़ता है.


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