Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है, जोकि वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ग्रंथ है. मान्यता है कि, गरुड़ पुराण व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है. वहीं किसी की मृत्यु पश्चात अगर घर पर इसका पाठ कराया जाए तो इससे आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है.


गरुड़ पुराण क्या है और इसमें किन बातों का उल्लेख किया गया है. इन सभी सवालों का जवाब आपको गरुड़ पुराण की संरचना में मिल जाएगा, आइये जानते हैं इसके बारे में.



गरुड़ पुराण की संरचना (Structure of Garuda Purana)



  • गरुड़ पुराण की रचना अग्निपुराण के बाद हुई है.

  • कहा जाता है कि गरुड़ पुराण में कुल 18 हजार श्लोक हैं. लेकिन सबसे पहले इसमें कुल 19 हजार श्लोक थे. वर्तमान पांडुलिपियों में केवल 18 हजार श्लोक ही उपलब्ध है.

  • गरुड़ पुराण में कुल 289 अध्याय हैं, जिन्हें जो दो भागों (पूर्वखंड और उत्तरखंड) में विभाजित किया गया है.

  • पूर्वखण्ड में कुल 240 अध्याय हैं, जिसमें जीव और जीवन के संबंध बताया गया है. वहीं उत्तरखंड में 49 अध्याय है जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा की गति और कर्मकाण्डों के संबंध में चर्चा की गई है. इसे प्रेतखंड या प्रेतकल्प भी कहा जाता है.

  • सबसे पहले पक्षीराज गरुड़ ने भगवान विष्णु से गरुण पुराण की कथा सुनी थी और इसके बाद उन्होंने अपने पिता महर्षि कश्यप को यह कथा सुनाई.

  • गरुड़ पुराण के पहले भाग में भगवान विष्णु की भक्ति, उपासना का वर्णन किया गया है और मृत्यु के बाद गरुण पुराण के पाठ सुनने के महत्व के बारे में बताया गया है

  • वहीं गरुड़ पुराण के दूसरे भाग उत्तरखंड या प्रेत कल्प में बताया गया है कि किसी की मृत्यु के बाद उसकी क्या गति होती है और कर्मकाण्ड के अनुसार उसे कैसी योनि प्राप्त होगी.

  • गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किन कर्मों के कारण जीवात्मा को नरक की यातनाएं भुगतनी पड़ती है, श्राद्ध और तर्पण किस तरह करना चाहिए, प्रेतयोनी से कैसे बाहर आए, नरक के दुख से निकलकर मोक्ष कैसे प्राप्त करे आदि जैसे कई विषयों का वर्णन इसमें  किया गया है.


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