Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: सनातन धर्म में कई वेद, उपनिषद, ग्रंथ, पुराण आदि हैं. लेकिन इन सभी की तुलना में पुराणों में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है, जिसमें कथा-कहानियों और श्लोक के जरिए समझाने का प्रयास किया गया है.


बात करें गरुड़ पुराण की तो यह वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ग्रंथ है, जिसके अधिकाष्ठ स्वयं भगवान श्री हरि विष्णु हैं. गरुड़ पुराण में 289 अध्याय और 18 हजार श्लोक हैं. इस पुराण में मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं, प्रेत लोक, यमलोक, नरक और 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है. साथ ही गरुड़ पुराण में प्रेत योनि और नरक से बचने के उपाय भी बताए गए हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में.


क्या है नरक, इससे कैसे बचें


गरुड़ पुराण में 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है, जिसमें मनुष्य योनि सबसे श्रेष्ठ है. जीवात्मा को उसके कर्मों के आधार पर ही किसी योनि में जन्म मिलता है. गरुड़ पुराण के प्रेतकल्प या उत्तरखंड के अनुसार, नरक वह स्थान है, जहां पापी जीवात्मा दंड भोगने के लिए जाती है. नरक, धरती के नीचे यानी पाताल लोक में हैं. इसे अधोलोक भी कहा जाता है. नकर के दंड से बचने के लिए हमेशा अच्छे कर्म करें और सद्मार्ग पर चलें.


प्रेत योनि से कैसे बचें


ऐसे लोग जिनका आचरण गलत होता है और जो बुरे कर्मों में लीन होते हैं. उन्हें मृत्यु पश्चात प्रेत योनि में जाना पड़ता है और नरक की सजा भोगनी पड़ती है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों की आत्मा प्राकृतिक रूप से शरीर का त्याग नहीं करती, उनकी आत्मा भी प्रेत योनि में भटकती रहती है.


लेकिन गरुड़ पुराण में इससे बचने के उपायों के बारे में बताया गया है. यदि आप मृत्यु पश्चात प्रेत योनि में नहीं जाना चाहते हैं तो समय-समय पर दान जरूर करें, धार्मिक कार्य करते और कराते रहें, साथ ही पिंडदान और श्राद्ध कर्म भी करें. इन कामों से आत्मा को प्रेत योनि में नहीं भटकना पड़ता है.


ये भी पढ़ें: Garuda Purana: पाप कर्म की श्रेणी में आते हैं ये काम, इनसे बच गए तो जरूर मिलेगा मोक्ष का मार्ग







Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.