Garuda Purana Lord Vishnu Niti: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थितियों का सविस्तार वर्णन मिलता है. इसमें मृत्यु और मृत्यु के बाद से जुड़ी ऐसी बातों के बारे में बताया गया है, जिसे आप शायद ही जानते होंगे.


हम सभी जानते हैं कि, मृत्यु ऐसा सत्य है जिसे घटित होने से कोई नहीं रोक सकता और ना ही इसे टाला जा सकता है. इस संसार में जो भी जन्म लेकर आया है, उसे एक दिन यहां से जरूर जाना है. फिर भी मृत्यु या मौत का नाम सुनकर लोग डर जाते हैं. गरुड़ पुराण में ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिन्हें प्राण त्यागने में कष्ट झेलना पडता है.



ऐसे लोगों को प्राण त्यागने में होती है कष्ट


गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, मृत्यु के निकट समय में कैसे लोगों को प्राण त्यागने में बहुत कष्ट झेलना पड़ता है. मनुष्य का जन्म संसार में होता है तो वह दोस्त, परिवार और रिश्ते-नाते के मोह-माया में इस कदर बंध जाता है कि इन्हें छोड़ नहीं पाता. ऐसे में जब व्यक्ति को पता चलता है कि, अब उसके मृत्यु का समय निकट आ चुका है तो उसमें जीने की चाह जाग जाती है और वह परिवार वालों को छोड़ जाना नहीं चाहता. इतना ही नहीं मृत्यि के अंतिम समय में उसकी जुबां भी बंद हो जाती है और वह किसी से चाहते हुए भी कुछ कह नहीं पाती. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, मोह-माया के बंधन में फंसे ऐसे लोगों को प्राण त्यागने में बहुत कष्ट होता है.


ऐसे समय में यमराज के दूत आते हैं और यमपाश से बांधकर उसे जबरन खींचते हैं. इस समय मृतक की आत्मा को काफी कष्ट झेलना पड़ता है, क्योंकि वह चाहकर भी शक्तिशाली पाश से खुद को मुक्त नहीं कर पाता है. इसलिए गरुड़ पुराण की शिक्षा कहती है कि, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है व्यक्ति को मोह-माया का त्याग कर ईश्वर के प्रति ध्यान लगाना चाहिए, जिससे कि प्राण त्यागने में कष्ट न झेलना पड़े और आत्मा को सद्गति की प्राप्ति हो सके.


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