एक्सप्लोरर
Advertisement
Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? इन 15 बिंदुओं में मिलेंगे सारे जवाब
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में जीवन, मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. इसके अनुसार परलोक एक यात्रा है, जो आत्मा भौतिक शरीर का त्याग करने के बाद शुरू करती है.
Garuda Purana, Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण क्या है, इसमें किन चीजों का वर्णन किया गया है, इसे जानने के क्या लाभ हैं, इसे कब और क्यों पढ़ना चाहिए आदि. गरुड़ पुराण को लेकर आपने मन में उठे सवालों का जवाब जानने के लिए आपको इन मुख्य बिंदुओं को समझना जरूरी है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसी की मृत्यु होती है तो मृत्यु के बाद आत्मा भौतिक शरीर का त्याग कर एक सूक्ष्म शरीर में प्रवेश करती है जो इसे बाद के जीवन में ले जाती है.
- जीवन में किए गए पापों के आधार पर मरने की प्रक्रिया के दौरान आत्मा को विभिन्न स्तरों के दर्द और पीड़ा का अनुभव करना पड़ता है.
- मृत्यु के बाद आत्मा मृत्यु के देवता यम से मिलती है, जो आत्मा के कर्मों के आधार पर न्याय करते हैं.
- जीवन में किए अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर ही आत्मा को विभिन्न योनि प्राप्त होती है.
- परलोक पहुंचने से पहले आत्मा यमलोक पहुंचती है, यहां आत्मा को यम द्वारा आंका जाता है और उसके पापों के लिए दंड का अनुभव कराया जाता है.
- यमलोग के बाद के क्षेत्र को चित्रगुप्त की दुनिया कहा जाता है. यहां आत्मा को अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर उसके भाग्य का निर्धारण किया जाता है
- इसका बात तीसरा क्षेत्र आता है, जिसे स्वर्ग कहते हैं. यहां पहुंचकर ऐसी आत्माएं आनंद लेती हैं, जिसने जीवन में अच्छे कर्म किए होते हैं.
- वहीं चौथे लोक को नरक कहा जाता है. यहां आने वाली आत्माएं अपने बुरे कर्मों के आधार पर दंड भोगती है.
- स्वर्ग के बाद के जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग अवधि होती है, जिसमें स्वर्ग सबसे छोटा और नरक सबसे लंबा होता है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार, स्वर्ग में आत्माएं विभिन्न तरह के सुखों का आनंद लेती हैं. वहीं नरक में आत्मा को दंड का अनुभव करना पड़ता है.
- नरक में आत्माओं के दंड की अवधि उनके कर्मों के आधार पर ही निर्धारित की जाती है.
- कर्म के आधार पर आत्मा का पुनर्जन्म जानवर, कीड़े-मकोड़े, पौधे या जीवन के निचले रूप में हो सकता है.
- मृत्यु के बाद आत्मा का अंतिम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करना होता है. जोकि जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति है.
- जब आत्मा मोक्ष प्राप्त कर लेती है, तो वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाती है और परमात्मा में विलीन हो जाती है.
- गरुड़ पुराण एक शांतिपूर्ण जीवन सुनिश्चित करने और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करने के लिए पुण्य कार्य, धर्म, पूजा-पाठ और अच्छे कर्म करने के महत्व पर जोर दिया गया है.
ये भी पढ़ें: Garuda Purana: ब्रह्मांड की उत्पत्ति से लेकर भगवान विष्णु की भक्ति तक, जानें गरुड़ पुराण की ये जरूरी बातें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, ऐस्ट्रो और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
IPL Auction 2025
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
विश्व
टेलीविजन
क्रिकेट
Advertisement
राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion