Garuda Purana: ब्रह्मांड की उत्पत्ति से लेकर भगवान विष्णु की भक्ति तक, जानें गरुड़ पुराण की ये जरूरी बातें
Garuda Purana: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें आत्मा की प्रकृति, मृत्यु के बाद की अवस्था,कर्म, स्वर्ग, नरक, नैतिक ज्ञान और अनुष्ठान आदि समेत कई विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जोकि 18 महापुराणों में एक है. यह हिंदू धार्मिक ग्रंथों की एक ऐसी शैली है जोकि भगवान विष्णु की पूजा पर केंद्रित है. इसके अधिपति भी स्वयं भगवान विष्णु ही हैं. लेकिन इस पुराण का नाम भगवान विष्णु के वाहक और दिव्य पक्षी गरुड़ के नाम पर रखा गया है.
गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक और 271 अध्याय हैं, जिसे दो भागों में बांटा गया है. पहले भाग में ब्रह्मांड, दैत्या, देवता और विभिन्न ऋषियों व राजाओं के बारे में बताया गया है.वहीं दूसरे भाग में मृत्यु की प्रक्रिया, आत्मा की यात्रा, नरक और स्वर्ग आदि के बारे में चर्चा की गई है. साथ ही गरुड़ पुराण में ब्रह्मांड की उत्पत्ति से लेकर भगवान विष्णु की भक्ति तक से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं, जो आपको जरूर जाननी चाहिए.
- ब्रह्मांड की उत्पत्ति: गरुड़ पुराण के अनुसार, ब्रह्मांड की उत्पत्ति पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष से हुई है. इन तत्वों को भगवान विष्णु द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो ब्रह्मांड में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखते हैं.
- जन्म-मृत्यु का चक्र: गरुड़ पुराण में प्राणी के जन्म और मृत्यु के चक्र के साथ ही मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा का भी वर्णन किया गया है. इसके अनुसार, आत्मा शाश्वत है और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म लेती है. लेकिन आत्मा को कर्म के आधार पर दूसरा जन्म मिलता है.
- दान का महत्व: गरुड़ पुराण में गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने और इससे मिलने वाले पुण्य के महत्व के बारे में भी बताया गया है. इसमें बताया गया है कि, दान ऐसा पुण्य है, जिसका फल मृत्यु के बाद भी मिलता है.
- मृत्यु के बाद के कर्मकांड: गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद 13 दिनों तक होने वाले विभिन्न कर्मकांडों या अनुष्ठानों का भी वर्णन मिलता है. इन अनुष्ठानों को करने से आत्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है. इन अनुष्ठानों में मृतक का दाह संस्कार, पवित्र मंत्रों का जाप, गरुड़ पुराण का पाठ, पिंडदान, तेरहवीं आदि शामिल हैं.
- पापी आत्मा के लिए दंड: गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, मृत्यु के बाद जब मृतक की आत्मा मृत्युलोक में पहुंचती है तो यहां पापी आत्माओं को दंड दिए जाते हैं.
- पुण्य कर्मों के लिए फल: गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे लोगों की आत्मा जिन्होंने जीवन में पुण्य कर्म किए हों, उन्हें जन्म और मृत्यु चक्र से मुक्ति मिल जाती है.
- भगवान विष्णु की पूजा: गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु की पूजा, तुलसी पूजन और एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया गया है. भगवान विष्णु की भक्ति से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है और ऐसे लोगों को मृत्यु को बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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