Garuda Purana: ब्रह्मचारी को किन्हें नहीं देना चाहिए कंधा, गरुड़ पुराण में बताए गए हैं अंतिम संस्कार के नियम
Garuda Purana: ‘अंतिम संस्कार’ हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में आखिरी संस्कार होता है. अन्य संस्कारों की तरह इसके भी कुछ नियम होते हैं. नियम से किए गए अंतिम संस्कार से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
![Garuda Purana: ब्रह्मचारी को किन्हें नहीं देना चाहिए कंधा, गरुड़ पुराण में बताए गए हैं अंतिम संस्कार के नियम Garuda Purana lord Vishnu niti rules of funeral after death or antim Sanskar ke niyam in hindi Garuda Purana: ब्रह्मचारी को किन्हें नहीं देना चाहिए कंधा, गरुड़ पुराण में बताए गए हैं अंतिम संस्कार के नियम](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/14/177d721e4e063fb60ca2aa2e26250d931699976974294466_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: श्रीकृष्ण कहते हैं, मृत्यु अटल सत्य है, इसे कोई टाल नहीं सकता है. जिसका जन्म धरती पर हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है. जीवन-मरण के नियम को कोई टाल नहीं सकता है और जीवन-मरण का यह चक्र तब तक चलता है, जब तक आत्मा को परमात्मा के चरणों में स्थान नहीं प्राप्त होता.
श्रीकृष्ण कहते हैं- भले ही मृत्यु सत्य है. लेकिन मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है, आत्मा नहीं मरती. क्योंकि आत्मा अजर-अमर है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, मृत्यु के बाद आत्मा भले ही शरीर छोड़ देती है, लेकिन उसका अपने शरीर से मोह बना रहता है. इसी मोह को समाप्त करने और आत्मा को अगले जन्म में उत्तम शरीर प्रदान कराने के लिए किसी की मृत्यु के बाद नियमपूर्वक अंतिम संस्कार करना जरूरी होता है.
गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु और पुनर्जन्म से जुड़े गूढ़ रहस्यों की चर्चा की गई है. गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद किए जाने वाले अंतिम संस्कार को लेकर भी कई नियम बताए हैं, आइये जानते हैं इन नियमों के बारे में.
- चिता को पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखना चाहिए: गरुड़ पुराण के अनुसार, शवदाह के बाद कभी भी चिता को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मरने के बाद भी मृतक की आत्मा का परिवार वालों के साथ मोह बना रहता है. यदि ऐसे समय में चिता को पीछे मुड़कर देखा गया तो, वह अपने परिवार में वापस जाना चाहेगी. वहीं जब परिजन उसे पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे तो आत्मा को ऐसा लगेगा कि, परिजनों का मोह उसके प्रति समाप्त हो चुका है और इस तरह से वह भी अपना मोह घर-परिवार से त्याग दूसरे लोक की गमन करेगी.
- क्यों की जाती है चिता की परिक्रमा: गरुड़ पुराण के अनुसार, अंतिम संस्कार के समय चिता की परिक्रमा कर मृतक के प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है. जल भरे हुए मटके को कंधे पर लेकर परिक्रमा की जाती है,जिसे परिक्रमा पूरी होने के बाद फोड़ दिया जाता है. मान्यता है कि, ऐसा करने से आत्मा का उसके शरीर से मोह भंग हो जाता है.
- ब्रह्मचारी को किसे नहीं देना चाहिए कंधा: गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, जो लोग ब्रह्मचारी होते हैं, उन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति को कंधा नहीं देना चाहिए. इससे उनका ब्रह्मचर्य भंग हो जाता है. लेकिन ये लोग अपने माता-पिता और गुरुजनों को कंधा दे सकते हैं. लेकिन इसके अलावा और किसी को कंधा नहीं देना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Garuda Purana: गरुड़ पुराण के अनुसार रसोईघर में करें ये छोटा सा काम, घर पर वास करेंगी मां लक्ष्मी
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)