Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में बताया गया है. इसलिए इसे आमतौर पर घर पर किसी परिजन की मृत्यु पश्चात सुना-सुनाया जाता है.


हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण ग्रंथ का खास महत्व है, जिसके अधिपति श्रीहरि हैं. गरुड़ पुराण में मृत्यु, जन्म, नरक, स्वर्ग,अधोगति, पुनर्जन्म आदि के बारे में बताया गया है. इसके साथ ही इसमें धर्म, व्रत, पूजा-पाठ और नीति-नियमों के बारे में बताया गया है. इसलिए हर व्यक्ति को गरुड़ पुराण जरूर पढ़ना चाहिए और इसमें बताए नियमों का पालन करना चाहिए.


अगर आप भी गरुड़ पुराण पढ़ना चाहते हैं या इस महत्वपूर्ण ग्रंथ को अपने घर पर रखना चाहते हैं तो इससे पहले आप गरुड़ पुराण में बताई रहस्यमयी बातों के बारे में जान लीजिए. साथ ही यह भी जान लीजिए कि क्या इस ग्रंथ को हम अपने घर पर रख सकते हैं या नहीं.


कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण (When should read Garuda Purana)


धर्मशास्त्र की मानें तो, गरुड़ पुराण घर पर किसी परिजन की मृत्यु के बाद ही पढ़ा जाता है. इसका कारण यह है कि, जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसकी आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि मृतक की आत्मा पूरे 13 दिनों तक अपने घर पर ही रहती है और गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से उसे मोक्ष प्राप्त होता है.


गरुड़ पुराण के नियम (Garuda Purana Rules)



  • गरुड़ पुराण अन्य 17 पुराणों से अलग है. इसलिए इसे पढ़ते समय आपको विशेष सावधानी बरतने और कुछ नियमों का पालन करने की जरूरत है. इसलिए इसका पाठ मृतक के घर पर खासतौर से कराया जाता है. यदि आपको गरुड़ पुराण में बताई बातों के बारे में जानना है तो आप इस समय परिजनों के साथ बैठकर गरुड़ पुराण का पाठ जरूर सुनें.

  • गरुड़ पुराण को लेकर लोगों के मन में यह भी संदेह रहता है कि क्या इस ग्रंथ को घर पर रखना चाहिए या नहीं. क्योंकि ऐसी भ्रांतियां हैं कि गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद पढ़ा जाने वाला ग्रंथ है. इसलिए इसे घर पर नहीं रखना चाहिए, जोकि सर्वथा अनुचित है.

  • आपको बता दें कि, गरुड़ पुराण मोक्ष प्राप्ति का साधन है. इसलिए आप इसे घर पर रख सकते हैं. घर पर गरुड़ पुराण ग्रंथ रखने से नकारात्मक शक्तियों व ऊर्जाओं का शमन होता है और साथ ही रोग-दोष भी दूर रहते हैं.


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