Garuda Purana: पाप कर्म की श्रेणी में आते हैं ये काम, इनसे बच गए तो जरूर मिलेगा मोक्ष का मार्ग
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में अच्छे-बुरे कर्मों का उल्लेख मिलता है. इसमें बताया गया है कि व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने में किए कौन से काम पाप कर्म को बढ़ाते है. इसलिए इन कामों से दूरी बनाना ही उचित है.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है. मान्यता है कि, इस ग्रंथ का पाठ करने से अच्छे और बुरे कर्मों के बीच के अंतर का पता चलता है. इसलिए इसे 18 महापुराणों में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है.
वैसे तो आमतौर पर इसका पाठ घर पर किसी परिजन की मृत्यु पश्चात किया जाता है. इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि, किसी की मृत्यु के बाद घर पर 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ रखने से जीवात्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है और परिवार के लोगों को भी अच्छे-बुरे कर्मो के बारे में बता चलता है.
गरुड़ पुराण अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है और इसमें बुरे कर्मों से बचने की सलाह दी गई है. बुरे कर्मों से न सिर्फ आपका जीवन बर्बाद हो सकता है, बल्कि बुरे कर्म मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ते और इसका दंड भुगतना पड़ता है.
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा बताया गया है कि, बुरे कर्म वाली जीवात्मा को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती और उसे अलग-अलग योनि में जन्म लेकर संसार के चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं पुण्य कर्म करने वाली आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाती है. पाप कर्मों के फल से शरीर और आत्मा दोनों नष्ट हो जाते हैं. इसलिए गरुड़ पुराण में कुछ कामों को करने की विशेष मनाही है. क्योंकि इन कामों को पाप कर्म की श्रेणी में रखा गया है. आइये जानते हैं इन कामों के बारे में.
- मानसिक या शारीरिक पीड़ा देना: किसी भी जीव को शारीरिक या मानसिक रूप से पीड़ा देने जैसे काम को पाप की श्रेणी में रखा गया है. जो लोग जानबूझकर ऐसे काम करते हैं, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे तो वो पाप के भागीदार बनते हैं.
- धन हड़पना: व्यक्ति को धन अर्जित करने के लिए परिश्रम करना चाहिए और ईमानदारी से धन कमाना चाहिए. गलत तरीके से हड़पा या चुराया गया धन भी पाप है. इसलिए दूसरे की संपत्ति हड़पने, धन चुराने या गलत तरीके से धन कमाने से बचें.
- नास्तिक होना: जो लोग भगवान या धार्मिक ग्रंथों के प्रति आस्था नहीं रखते वह भी पापी कहलाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आस्था नहीं होने से व्यक्ति को ईश्वर का भय नहीं रहता और वह गलत कामों में लीन हो जाता है. इसलिए नास्तिक होना भी पाप की श्रेणी में आता है.
- पीठ पीछे निंदा करना: यदि आप किसी व्यक्ति की पीठ पीछे चुगली या बुराई करते हैं तो यह भी पाप है. आप भले ही यह काम हंसी-मजाक में क्यों न करें. लेकिन कोई ऐसा व्यक्ति जो वहां मौजूद न हो और उसकी चुगली या बुराई करना भी पाप है.
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