Garuda Purana Lord Vishnu Niti: हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण में जन्म, मृत्यु, पाप-पुण्य जैसे कर्म, स्वर्ग और नरक के साथ ही पुनर्जन्म आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है.


गरुड़ पुराण ग्रंथ में कहा गया है कि, मृत्यु के बाद व्यक्ति का जन्म किस योनि में होगा और मृत्यु के बाद उसे नरक का कष्ट भोगना पड़ेगा या स्वर्ग में स्थान प्राप्त होगा यह व्यक्ति के कर्मों पर आधारित होता है. बुरे कर्मो वाली आत्मा नरक या पितृलोक में जाती है. वहीं अच्छे कर्म करने वाले लोगों की आत्मा स्वर्ग लोक में जाती है. लेकिन एक निश्चित अवधि समाप्त होने के बाद आत्मा का फिर से पुनर्जन्म होता है और आत्मा नए शरीर को धारण कर धरती पर जन्म लेती है.



कैसे जानें जन्म लेने से पहले कहां थी आत्मा


लेकिन जिस तरह कर्मों के अनुसार मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक में आत्मा को स्थान प्राप्त होता है. ठीक उसी तरह से जन्म लेने के पहले भी आत्मा स्वर्ग या नरक में रहती है. लेकिन सवाल यह है कि इस बात का पता कैसे चलेगा कि जन्म लेने वाले व्यक्ति की आत्मा स्वर्ग में थी या नरक में.


वैसे तो जन्म लेने के बाद किसी को भी अपने पूर्वजन्म और पूर्व में किए गए कर्मों के बारे में पता नहीं रहता है. लेकिन जिन लोगों की आत्मा स्वर्ग का सुख भोगकर धरती पर जन्म लेती है, उनमें कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं. इन गुणों की पहचान कर ही यह पता लगाया जाता है कि, स्वर्ग का सुख भोगकर इस व्यक्ति का फिर से धरती पर जन्म हुआ है. जानते हैं इन विशेष गुणों के बारे में.


आचार्य चाणक्य अपने श्लोक में कहते हैं कि- स्वर्गवासि जन के सदा, चार चिह्न लखि येहि। देव विप्र पूजा मधुर, वाक्य दान करि देहि॥



  • जो आत्माएं स्वर्ग से लौटती हैं और उनका धरती पर जन्म होता है, उनमें दयाभाव के गुण देखे जाते हैं. ऐसे लोग खुद से पहले हमेशा दूसरों के बारे में सोचते हैं. ये गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की निस्वार्थ भाव से मदद करने में कभी पीछे नहीं रहते. अगर किसी व्यक्ति में ऐसे गुण दिखे तो यह समझ लीजिए कि साक्षात भगवान ने धरती पर जन्म लिया है.

  • जो लोग स्वर्ग से लौटकर धरती पर जन्म लेते हैं उनमें दान करने की भावना होती है. ये लोग बिना किसी लाभ के दान करते हैं और हमेशा दूसरों की मदद के लिए खड़े रहते हैं.

  • जो लोग स्वर्ग का सुख भोगकर धरती पर जन्म लेते हैं उनकी आत्मा भी पवित्र होती है. ऐसे लोगों के व्यवहार में विनम्रता, बोली में मधुरता और दूसरों के लिए सम्मान का भाव होता है. ऐसे लोग सभी के साथ मिलनसार होते हैं. अपने विशेष गुणों के कारण ही ये लोग दूसरों का दिल जीत लेते हैं और अपना स्थान भी स्वयं बना लेते हैं.

  • कहा जाता है कि जिन लोगों के दांत बेहद सुंदर होते हैं वो भी अच्छे कर्म करने वाले होते हैं. अच्छे कर्म के कारण इन लोगों का जन्म स्वर्ग से सीधे धरती पर होता है. अच्छे कर्म वाले लोगों का प्रताप उनके दांतों में नजर आता है.


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