Garuda Purana: दुख का सबसे बड़ा कारण बनती है ये 4 परिस्थितियां, गरुड़ पुराण से जानिए इनसे कैसे निपटें!
Garuda Purana: जीवन में सुख-दुख के समय का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन कुछ ऐसी भी परिस्थितियां आ जाती हैं जो बड़े दुखों का कारण बनती है और इससे व्यक्ति बुरी तरह से टूट जाता है.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: सुख और दुख ऐसा समय है, जिसका जीवन में आना जाना लगा रहता है. ना सुख स्थिर रहता है और ना दुख. इसलिए कहा जाता है कि, आज सुख है तो दुखों से निपटने की तैयारी कर लें और दुख है तो सुख आने का धैर्य रखें.
व्यक्ति हर तरह से दुखों का समाधना ढूंढ लेता है, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जो उसके जीवन के सबसे बड़े दुख का कारक बनती है. ऐसी परिस्थितियों से व्यक्ति इतना दुखी हो जाता है कि खुद को टूटा हुआ सा महसूस करने लगता है.
लेकिन गरुड़ पुराण में इन परिस्थितियों से निपटने के उपायों के बारे में बताया गया है. बता दें कि, गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक है और इसके अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं. भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में सविस्तार बताया है कि, जब निम्म 4 पिरिस्थियों से जीवन में दुखों का अंबार लग जाए तो आपको इससे निपटने के लिए क्या तरीका अपनाना चाहिए.
जीवनसाथी का हमेशा बीमार रहना-
जब जीवनसाथी हमेशा बीमार रहने लगे या उसे कोई गंभीर रोग हो जाए तो ऐसे में व्यक्ति के सामने विकट परिस्थिति खड़ी हो सकती है. घर का माहौल तो बिगड़ ही जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा दुख साथी को होता है. ऐसे में वह समझ नहीं पाता कि, इस स्थिति में वह घरवालों का ध्यान रखें, अपना ध्यान रखे, अपने साथी का ध्यान रखे या फिर अपने दैनिक कार्यों को करे. ऐसी स्थिति आने पर आर्थिक और मानसिक हानि होती है. गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसी परिस्थिति में आपको अपने जीवनसाथी का सबसे पहले ध्यान रखना चाहिए और पूरी निष्ठा से उसकी सेवा करनी चाहिए. बीमारी या तकलीफ की घड़ी में किए देखभाल से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दोनों का रिश्ता मजबूत होता है.
छोटे द्वारा अपमानित होना-
हर व्यक्ति जीवन में मान-सम्मान चाहता है. खाकर छोटे से उसे सम्मान मिलना ही चाहिए. लेकिन अगर किसी व्यक्ति को अपने से छोटे उम्र या पद वाले व्यक्ति से अपमानित होना पड़ जाए तो यह उसके लिए बहुत बड़े दुख का कारण बन जाती है. इससे उसके आत्मसम्मान को ढेस पहुंचती है और ऐसी स्थिति में वह वाद-विवाद में उलझ सकता है. लेकिन ऐसी परिस्थिति आने पर आपको धैर्य से काम लेना चाहिए और खासकर वाद-विवाद से बचना चाहिए. जहां आप छोटे द्वारा अपमानित हो रहे हों, वहां से तुरंत निकल जाना ही बेहतर होता है.
जीवनसाथी से धोखा मिलना-
पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास की नींव पर खड़ा होता है. ऐसे में पति और पत्नी दोनों को अपने रिश्ते के प्रति नैतिकता और विश्वास बनाए रखना चाहिए और विश्वासघात नहीं करना चाहिए. लेकिन जब अपने जीवनसाथी से धोखा मिलता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति पूरी तरह से टूट जाता है. उसका खुद का जीवन तो बर्बाद होता ही है , साथ ही परिवार भी टूट सकता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, पति और पत्नी दोनों को कभी भी एक दूसरे के साथ धोखा नहीं करना चाहिए.
बार-बार असफल होना-
किसी काम में पूरी जी जान लगाने के बाद भी अगर बार बार असफलता मिलने लगे तो ऐसी स्थिति में भी व्यक्ति बुरी तरह से टूट जाता है और मानसिक अवसाद की ओर चला जाता है. लेकिन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आपको एक बार फिर से अपने काम करने के तरीके का विश्लेषण करना चाहिए. इससे आपको बार बार असफल होने के कारण और कमियों के बारे में पता चलेगा. असफलता का कारण पता चलते ही, जब आप उसपर मेहनत करेंगे तो आप जरूर सफल होंगे.
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