Garuda Purana: कोई कितना भी सगा क्यों न हो, कभी साझा नहीं करनी चाहिए ये 4 बातें
Garuda Purana: गरुड़ पुराण ग्रंथ में पाप-पुण्य और जीवन-मरण के साथ ही कई नीति-नियमों के बारे में बताया गया है. इसमें कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जिसका जिक्र हमें किसी से भी नहीं करना चाहिए.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जोकि 18 महापुराणों में एक है. इसके अधिपति श्रीहरि विष्णु है. गरुड़ पुराण को आत्मा को सद्गति दिलाने वाला ग्रंथ माना जाता है. इसलिए आमतौर पर इसका पाठ घर पर किसी परिजन की मृत्यु के बाद कराया जाता है.
गरुड़ पुराण में पाप-पुण्य, जन्म-मृत्यु, स्वर्ग-नरक और पुनर्जन्म के साथ ही नीति-नियम, ज्ञान और धर्म से जुड़ी भी बाते बताई गई हैं. गरुड़ पुराण के आचारकांड में नीतिसार अध्याय है, जिसमें जीवन प्रबंधन (life management) के बारे में भी कई बातें विस्तारपूर्वक बताई गई हैं.
इसमें जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने और सुखी जीवन जीने की नीतियों के बारे में बताया गया है. गरुड़ पुराण के इसी खंड में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जिसका जिक्र हमें किसी से भी नहीं करनी चाहिए, फिर चाहे वह इंसान हमारा कितना भी सगा क्यों न हो. अगर आप ये बातें दूसरों से साझा करेंगे तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है या आप संकट भी पड़ सकते हैं.
इन 4 बातों का किसी से भी न करें जिक्र
- धनलाभ या धनहानि का जिक्र: अगर आपके पास धन है या धन का अभाव है तो ये दोनों ही बातें किसी से न कहे. क्योंकि अगर आप किसी को अपनी धन हानि या धन के अभाव के बारे में बताएंगे तो सामने वाला आपसे दूरी बना लेगा. क्योंकि उसे ऐसा लगेगा कि शायद आप यह कहकर उससे मदद मांग रहे हैं. वहीं अगर आपके पास खूब सारा धन है तो भी इसका बखान सबके सामने नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जान-माल को खतरा हो सकता है.
- अपमान: जीवन में कभी भी आपको किसी कारण से अपमानित होना पड़ा हो तो ऐसी बातों का जिक्र मजाक-मजाक में भी किसी से नहीं करना चाहिए. क्योंकि भले ही आप ऐसी बातें बिना किसी कारण या बिना सोचे-समझे बता देंगे. लेकिन इस बात से आप दूसरों के सामने खुद मजाक के पात्र बन जाएंगे.
- परिवारिक झगड़े: लड़ाई-झगड़े हर परिवार में होते हैं. लेकिन पारिवारिक झगड़ों का बखान किसी दूसरे व्यक्ति से कभी नहीं करना चाहिए. अगर आप बाहरी लोगों को इस बारे में बताएंगे तो इससे न केवल आपके बल्कि पूरे परिवार के मान-सम्मान पर असर पड़ेगा. वहीं दूसरे लोग पारिवारिक झगड़ों का लाभ भी उठा सकते हैं.
- दान: शास्त्रों में उसी दान को लाभकारी माना गया है जो गुप्त रूप से किया गया हो. इसलिए बिना किसी को बताए या दिखावा करे ही अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. कहा जाता है कि दान ऐसा होना चाहिए कि, एक हाथ से दें और दूसरे हाथ को भी पता न चले. तभी आपको दान का पूर्ण फल प्राप्त होगा.
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