Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: घर पर जब किसी को संक्रामक रोग हो जाता है तो वह तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति के बीच फैलने लगता है. सिर्फ घर ही नहीं बल्कि घर के बाहर भी ऐसे रोग या संक्रमण हो जाते हैं. आज वर्तमान समय में तो इसका खतरा और अधिक बढ़ गया है.


आज के समय में संक्रमण या रोग आदि से निपटने के लिए तमाम उपाय और इलाज हैं. लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानियां रखेंगे और कुछ नियमों का पालन करेंगे तो इससे जरूर बचा जा सकता है. हमारे धर्म ग्रंथों में तो पहले ही संक्रमण के बचने के उपायों के बारे में बताया गया है. इसलिए इन नियमों का पालन जरूर करें.


हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में कई तरह के नियमों के बारे में उल्लेख मिलता है, जो संक्रमण के संकट से बचाने में काफी हदतक मददगार साबित हो सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है, इसका पालन करना. संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए ही हमारे धर्म में सूतक-पातक जैसे नियम भी बनाए गए हैं. जानते हैं संक्रमण से बचाव को लेकर क्या है गरुड़ पुराण में उल्लेख.


संक्रमण से बचने के लिए क्या करें



  • गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को ऐसा रोग हो गया है, जो दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है तो सबसे पहले उस व्यक्ति के रहने-सोने की अलग व्यवस्था करें. जब तक रोगी पूरी तरह से ठीक न हो जाए, अन्य लोग उसके संपर्क में न रहें. इस दौरान रोगी के खान-पान और सफाई का खास ध्यान रखें. पहले के समय में गांव में संक्रमण ग्रसित रोगी के लिए बाहर अलग से कुटिया लगा दी जाती है, जिसे ही आज वर्तमान में हम क्वारंटीन के नाम से जानते हैं.  

  • कुछ लोग स्नान करने के बाद गीले कपड़े या तौलिये से शरीर को पोंछते हैं या फिर कुछ लोग नहाने के बाद शरीर को पूरी तरह सुखाए बिना ही वस्त्र पहन लेते हैं. ऐसे में त्वचा संक्रमण (skin infection) का खतरा सबसे अधिक बढ़ता है. ऐसे संक्रमण पूरे शरीर पर बहुत तेजी से फैलते हैं. इसलिए नहाने के बाद हमेशा साफ-सुथरे और सूखे हुए तौलिये से शरीर को पोंछे और शरीर को अच्छे से पोंछकर सुखाने के बाद ही साफ कपड़े पहनें.

  • गरुड़ पुराण के नीतिशास्त्र में बताया गया है कि, किसी भी व्यक्ति को एक वस्त्र एक दिन से अधिक बार नहीं पहनने चाहिए. क्योंकि पहले से पहने हुए कपड़ों में जीवाणु और विषाणु होते हैं. इसलिए एक बार वस्त्र पहन लेने के बाद उसे धोकर सुखाएं. इसके बाद ही दोबारा इसे धारण करें.

  • संक्रमण या रोग मुक्ति के लिए घर की शुद्धिकरण बहुत जरूरी है. इसलिए समय-समय पर घर पर हवन भी कराएं. हवन कराने से वातारण शुद्ध और सकारात्मक होता है और कई बीमारियों से बचाव होती है. वहीं अपने आहार में शुद्ध, ताजा और शाकाहारी भोजन को ही प्राथमिकता दें. इन नियमों का पालन करने से आप संक्रमण और बीमारियों से दूर रहेंगे.


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