Garuda Purana: इस एक चीज से मृत्यु के बाद यमराज नहीं देते दंड, बैकुंठ जाकर आत्मा को मिलता है मोक्ष
Garuda Purana: मृत्यु के बाद पाप-पुण्य कर्मों के अनुसार आत्मा को दंड भोगना पड़ता है. लेकिन गरुड़ पुराण में ऐसी पवित्र चीजों के बारे में बताया गया है, जो अगर मृतक के पास हो तो यमराज उसे दंड नहीं देते.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति द्वारा जीवनकाल में किए गए पाप-पुण्य का हिसाब होता है. इसके बाद कर्मों के अनुसार ही मृतक की आत्मा को स्वर्ग या नरक में स्थान प्राप्त होता है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में पुण्य के काम करता है और कभी किसी को दुख नहीं पहुंचाता ऐसी पुण्यात्माओं को मृत्यु के बाद स्वर्ग में स्थान मिलता है. वहीं पाप करने वाली पापी आत्माओं को नरक में यातनाएं झेलनी पड़ती है. कहा जाता है कि पापी आत्माओं को यमराज कठोर दंड देते हैं.
गरुड़ पुराण में मत्यु के बाद मिलने वाले दंड से बचने के कई उपायों के बारे में बताया गया है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, अगर किसी की मृत्यु के बाद मृतक के पास इन पवित्र चीजों में किसी एक को भी रख दिया जाए तो यमराज उसकी आत्मा को दंड नहीं देते हैं. साथ ही ऐसे व्यक्ति की आत्मा को शांति भी मिलती है. जानते हैं इन चीजों के बारे में.
- गंगा को हिंधू धर्म में मोक्षदायिनी और पापनाशिनी कहा गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी मरते हुए व्यक्ति के मुख में गंगाजल डाल दिया जाए तो ऐसे व्यक्ति की आत्मा को यमराज दंड नहीं देते हैं.
- श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को मृत्यु और जीवन से जुड़ी कई बातें बताई हैं. गरुड़ पुराण में भी कहा गया है, यदि मृत्यु से ठीक पहले किसी व्यक्ति के अंतिम समय में उसे गीता के श्लोक सुनाया जाए तो मृत्यु के दौरान उसे कष्ट नहीं होता और मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता है.
- हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र और पूजनीय पौधा माना गया है. साथ ही भगवान विष्णु को भी तुलसी बहुत प्रिय है. इसलिए तुलसी को हरिप्रिया भी कहा जाता है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि, मृत्यु से ठीक पहले व्यक्ति के मुख में तुलसी का पत्ता रख देने से उसे प्राण त्यागने में कष्ट नहीं होता.
- इसके अलावा गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, जो व्यक्ति अंतिम समय में ईश्वर का नाम लेते हुए प्राण त्यागता है उसे भी यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता और ऐसे लोगों की आत्मा बैकुंठ धाम पहुंचकर मोक्ष को प्राप्त करती है.
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