Garuda Purana: गरुड़ पुराण से जानें पुत्र प्राप्ति के उपाय, इन कामों से गुणवान, सत्यवान और चरित्रवान होगी संतान
Garuda Purana: गरुड़ पुराण के 15वें अध्याय में संतान प्राप्ति के उपायों के बारे में बताया गया है. साथ ही इसमें बताया गया कि किन कामों से संतान में गुणवान, चरित्रवान और सत्यवान का गुण होता है.
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Garuda Purana Lord Vishnu Niti: भगवान विष्णु अपने वाहन पक्षीराज गरुड़ से कई संदर्भ में बातें करते हैं. इन्हीं का वर्णन गरुड़ पुराण ग्रंथ में किया गया है. इसमें जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नरक के साथ ही ज्ञान, विज्ञान और नीति-नियमों के बारे में भी बताया गया है. इसलिए इसे 18 महापुराणों में एक सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ माना गया है.
उत्तम संतान के प्राप्ति की इच्छा हर दंपति को होती है.क्योंकि संतान अगर उत्तम हो तो इससे समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होती है. गरुड़ पुराण के 15वें अध्याय में पक्षीराज गरुड़ ने भगवान विष्णु से इसी विषय में प्रश्न करते हैं. गरुड़ के इस सवाल का जवाब देते हुए भगवान बोले- यह प्रश्न बहुत उत्तम है और हर व्यक्ति को इसका ज्ञान जरूर होना चाहिए.
इन कामों से होती है उत्तम संतान की प्राप्ति
- गरुड़ पुराण के अनुसार, संतान प्राप्ति की कामना के दिन स्त्री और पुरुष दोनों का चित्त प्रसन्न और मन शुद्ध होना चाहिए. क्योंकि स्त्री और पुरुष का चित्त जैसा रहेगा वैसा ही चित्त संतान में भी होगा.
- गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु कहते हैं कि, उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए महिला के माहवारी के दिनों में उसके संपर्क में नहीं रहना है.
- मान्यता है कि देवताओं द्वारा स्त्री को माहवारी का श्राप दिया गया था. इसलिए इस दौरान स्त्री की आभा को अशुद्ध माना जाता है.
- माहवारी के 5वें दिन महिला को स्नान कर शुद्ध होना जरूरी होता है. इसके बाद ही पुरुष महिला के साथ एक कमरे में निवास कर सकते हैं. हालांकि संतान प्राप्ति के लिए भी यह समय अनुकूल नहीं होता है.
- माहवारी के 7 दिन पश्चात महिला देवताओं और पितरों की पूजा करने योग्य मानी जाती है. इसलिए उत्तम चरित्र या चरित्रवान संतान के लिए सातवें दिन के बाद ही गर्भाधान के लिए प्रयास करें.
- उत्तम संतान प्राप्ति के लिए स्त्री और पुरुष को पहले स्नान कर अपने शरीर को स्वच्छ कर लेना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए. साथ ही बिस्तर भी साफ-सुथरा होना चाहिए.
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
- मान्यता है कि सम दिनों में गर्भाधान से पुत्र और विषम दिनों में गर्भाधान से पुत्री की प्राप्ति होती है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार, पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिला के मासिक धर्म समाप्त होने के 8वें, 10वें, 12वें, 14वें और 16वें दिन यानी सम दिनों के मिलन से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक होती है.
- वहीं पुत्री प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के विषम दिन जैसे 9वां, 11वां, 13वां, 15वां और 17वां दिन बताए गए हैं.
- लेकिन मासिक धर्म के 18 वें दिन बाद के मिलन से संतान प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है.
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