Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के साथ ही कई अन्य कर्मकांड होते हैं, जोकि पूरे 13 दिनों तक चलते हैं. इन्हीं में एक है मृतक के घर पर गरुड़ पुराण का पाठ रखना.
दरअसल हिंदू धर्म में जब घर पर किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है तो पूरे 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ कराने का विधान है. इसके पीछ यह मान्यता है कि, गरुड़ पुराण में अच्छे-बुरे कर्म, पुनर्जन्म, यमलोक यात्रा, स्वर्ग-नरक और मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है और गरुड़ पुराण का पाठ घर पर कराने से आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है.
दिवंगतों के निमित्त आखिर क्यों कराया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ
- गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में भगवान विष्णु द्वारा विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है. इसलिए इसे मृतक को सुनाया जाता है.
- मान्यता है कि, मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा पूरे 13 दिनों कर अपने घर पर ही रहती है और इस दौरान परिवार वालों के साथ वह भी गरुड़ पुराण सुनती है, जिससे उसे स्वर्ग-नरक, गति-दुर्गति, अधोगति आदि के बारे में पता चलता है.
- कहा जाता है कि, गरुड़ पुराण सुनने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है और वह संसार के सारे संताप को भूलकर मुक्ति के मार्ग या पितरलोग में चली जाती है या फिर आत्मा मनुष्य योनि में जन्म लेती है. गरुड़ पुराण का पाठ मृतक के घर पर कराने से आत्मा को प्रेत बनकर भटकना नहीं पड़ता है.
- घर पर जब गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर इसे सुनते हैं और सभी को भी अच्छे बुरे कर्मों के बारे में पता चलता है और लोग पहले ही यह जान जाते हैं कि, किन कर्मों से उन्हें मृत्यु के बाद उच्च लोक की प्राप्ति होगी. इसलिए गरुड़ पुराण को व्यक्ति को सत्कर्म करने के लिए प्रेरित करने वाला ग्रंथ कहा जाता है.
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