Garuda Purana, Lord Vishnu Niti:  हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों की तरह मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का विधान है. यह व्यक्ति के जीवन का आखिरी संस्कार होता है. मृत्यु के बाद कई क्रियाक्रम किए जाते हैं. इन्हीं में एक है गरुड़ पुराण का पाठ कराना.


गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर तब कराया जाता है, जब घर-परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है. मृत्यु के बाद पूरे 13 दिनों तक घर पर इसका पाठ होता है, जिसे घर के सभी सदस्य सुनते हैं. इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि, मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा 13 दिनों तक घर पर ही रहती है. ऐसे में घर पर जब गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो आत्मा भी इसे सुनती है और इससे आत्मा का मोह अपने परिवार से कम होता है.



गरुड़ पुराण क्या है


गरुड़ पुराण का पाठ किसी कि मृत्यु के बाद घर पर कराने का विधान है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर गरुड़ पुराण क्या है. दरअसल गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है, जोकि 18 महापुराणों में एक है. इसमें भगवान विष्णु द्वारा मृत्यु, यमलोक की यात्रा, स्वर्ग, नरक योनि, पाप, पुण्य और आत्मा की सद्गति के संबंध से गूढ़ और रहस्यमय बातें बताई गई हैं. पक्षीराज गरुड़ द्वारा पूछे प्रश्नों का भगवान विष्णु ने जो उत्तर दिया है, उसी का वर्णन गरुड़ पुराण में मिलता है. यह ऐसा ग्रंथ है जिसमें न केवल मृत्यु बल्कि जीवन का रहस्य भी समाहित है. इसलिए हर व्यक्ति को इसमें बताई गई बातों के बारे में जरूर जानना चाहिए.


मृत्यु के बाद क्यों सुना जाता है गरुड़ पुराण



  • मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा 13 दिनों तक परिवार वालों के बीच रहती है. इसलिए गरुड़ पुराण सुनना चाहिए, जिससे आत्मा को स्वर्ग-नरक, गति, सद्गति, अधोगति, दुर्गति आदि के बारे में पता चले.

  • गरुड़ पुराण के पाठ से आत्मा को प्रेत बनकर भटकना नहीं पड़ता है. वह अपने सारे संताप भूलकर प्रभु मार्ग पर चलकर सद्गति प्राप्त करती है या पितृलोक में चली जाती है.

  • गरुड़ पुराण में आत्मा की यात्रा के बारे में भी बताया गया है. इसलिए जब आत्मा गरुड़ पुराण में बताई इन बातों को सुनती है तो उसे आगे की यात्रा में उसे किन-किन बातों का सामना करना पड़ेगा इसका पता चलता है.

  • गरुड़ पुराण का पाठ घर-परिवार के सभी लोग बैठकर सुनते हैं. इससे सभी को अच्छे और बुरे कर्म के बारे में पता चलता है.

  • गरुड़ पुराण हमें अच्छे कर्म को करने के लिए प्रेरित करता है. क्योंकि अच्छे कर्मों के पुण्यफल से ही मृत्यु पश्चात सद्गति और मुक्ति मिलती है. 

  • गरुड़ पुराण में दैनिक जीवन से भी जुड़ी कई गूढ बातें बताई गई हैं, जिसका अनुसरण करने पर जीवन सुखी होता है.


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