Garuda Purana,Lord Vishnu Niti: स्वर्ग और नरक को लेकर अक्सर बातें होती रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वर्ग और नरक किस्मत नहीं बल्कि कर्म पर आधारित होता है. जी हां, व्यक्ति के साथ जीवनभर तमाम तरह की अच्छी और बुरी घटनाएं होती हैं. इन्हें हम भाग्य का लिखा मान लेते हैं. लेकिन मृत्यु के बाद की स्थिति किस्मत नहीं बल्कि आपके कर्म पर आधारित होती है.


इसलिए कहा जाता है कि, मृत्यु के बाद मृतक को स्वर्ग का सुख मिलेगा या उसे नरक का कष्ट भोगना पड़ेगा, यह भी उसके कर्मों पर ही आधारित होता है. यानी स्वर्ग-नरक का कनेक्शन किस्मत नहीं बल्कि कर्म से जुड़ा हुआ है. लेकिन सवाल यह है कि कैसे कर्म वालों को स्वर्ग और कैसे कर्म वालों को नरक मिलेगा. इसका जवाब आपको गरुड़ पुराण में मिलेगा.



हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक गरुड़ पुराण के भाग प्रेतखंड में स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. भगवान विष्णु ने इस संबंध में विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है. जानते हैं गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु स्वर्ग और नरक के संबंध में क्या कहते हैं.


ऐसे कर्म खोलते हैं स्वर्ग का मार्ग



  • गरुड़ पुराण में बताया गया है कि ऐसे लोग को अपनी इंद्रियों पर पूरा नियंत्रण रखते हैं और क्रोध, भय व शोक को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं. उन्हें मृत्यु पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

  • ऐसे पुरुष जो अपने मन में किसी स्त्री के प्रति वासना भाव नहीं रखते हैं. स्त्रियों को देख जिनका मन विचलित नहीं होता और वे पराई स्त्री को अपनी माता, बहन और पुत्री के समान मानते हैं और उसी नजर से देखते हैं. ऐसे लोगों को भी स्वर्ग का मार्ग मिलता है.

  • गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु कहते हैं कि जो लोग दूसरों के व्यक्तित्व में गुणों को देखते हैं और उसकी सराहना करते हैं, उन्हें भी स्वर्ग में स्थान मिलता है.

  • गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति अपने जीवन में कुआं, प्याऊ,तालाब, मंदिर या आश्रम आदि का निर्माण कराता है या इसमें सहयोग करता है. उसे भी मृत्यु पश्चात नरक नहीं जाना पड़ता.


ऐसे कर्म वाले लोग भोगते हैं नरक का कष्ट



  • गरुण पुराण के अनुसार, जो लोग गरीब, असहाय, अनाथ, रोगी, बुजुर्ग का उपहास करते हैं या मजाक बनाते हैं. उन्हें निश्चित ही नरक का कष्ट भोगना पड़ता है.

  • गरुण पुराण में भगवान विष्णु कहते हैं, जो लोग भगवान और अपने पितरों की पूजा नहीं करते. उन्हें भी नरक जाना पड़ता है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों को नरक में यातनाएं भी झेलनी पड़ती है.

  • लालची, स्त्री की हत्या करने वाले, दूसरों की संपत्ति हड़पने वाले, झूठी गवाही देने वाले, कन्या का व्यापार करने वाले, ईर्ष्या भावना रखने वाले आदि जैसे लोगों को भी मृत्यु के बाद यमदूत नरक ले जाते हैं.


ये भी पढ़ें: Poila Baishakh 2023: कब है पोइला बोइशाख, इस दिन से होती है बंगाली नववर्ष की शुरुआत, जानें तिथि और महत्व



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.