Garuda Purana Significance: गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पुराण है. यह वेदों के बाद हिन्दू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है. इस पुराण में
आध्यात्मिक,धार्मिक,और दार्शनिक ज्ञान दिया गया है. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके भक्त गरुड़ की वार्तालाप और उपदेश संकलित है.
इस पुराण में धर्म,आध्यात्मिकता,मोक्ष,जीवन के मार्ग,प्राणियों के कर्म और उनके फल के विषय में विस्तार से चर्चा की गई है. इसमें जीवन का रहस्य छिपा हुआ है. गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद किया जाता है. माना जाता है कि गरुड़ पुराण के द्वारा ही आत्मा को इस संसार से मुक्ति मिलती है.
हर व्यक्ति को भोगना पड़ता है कर्मों का फल
गरुड़ पुराण को मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है. इसके देव स्वयं विष्णु माने जाते हैं, इसीलिए यह वैष्णव पुराण है. गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति को उसके कर्मों का फल इस जीवन के साथ-साथ मरने के बाद भी भोगना पड़ता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होती है.
गरुड़ पुराण जहां एक तरफ मृत्यु के बाद की स्थितियों और कर्मों के हिसाब से मिलने वाले फल के बारे में बताता है, तो वहीं नीति और नियम सिखाकर लोगों को अच्छाई और धर्म की राह पर चलने के लिए प्रेरित भी करता है.
गरुड़ पुराण में ऐसी तमाम बातें लिखी हैं जिसका पालन करने से व्यक्ति तमाम मुसीबतों से बच सकता है. यह बातें जीवन को आसान बना सकती हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति की कुछ आदतें उसका सौभाग्य और विद्या छीन लेती हैं और व्यक्ति रोग और शत्रुओं से घिर जाता है.
गरुड़ पुराण की खास बातें
शास्त्रों में माता लक्ष्मी को सौभाग्य और वैभव प्रदान करने वाली देवी माना जाता है. माता लक्ष्मी को साफ-सफाई बहुत पसंद है. ऐसे लोग जो संपन्न होने के बावजूद गंदे वस्त्र पहनते हैं उन्हें माता लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ती है. मां लक्ष्मी ऐसे लोगों का सौभाग्य छीन लेती हैं जो घर में साफ सफाई नहीं रखते हैं और अपने शरीर की सफाई ठीक से नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को समाज में भी उन्हें मान-सम्मान नहीं प्राप्त नहीं होता हैं और धीरे-धीरे उनका सारा वैभव नष्ट हो जाता है.
गरुण पुराण के अनुसार अगर कोई व्यक्ति लगातार प्रयास करे तो वो किसी भी कार्य में दक्षता हासिल कर सकता है. वहीं जो अभ्यास छोड़ देते हैं, वो उस विद्या को भी भूल सकते हैं, जिसे सीखने में उन्होंने कड़ी मेहनत की. अभ्यास न करने की आदत लोगों से उनका ज्ञान छीन लेती है.
गरुण पुराण के अनुसार, इस समाज में बुरे लोगों के बीच सुरक्षित रहने के लिए आपको थोड़ा चतुर होना पड़ेगा. समाज में आपका फायदा उठाने वाले तमाम शत्रु बैठे हैं. इसलिए अगर आप चतुरता नहीं दिखाएंगे तो आपकी हानि संभव है. इसलिए शत्रु के अनुसार ही नीति का उपयोग करके उसे नष्ट करने की कला आनी चाहिए.
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