Garuda Purana: मानव योनि में जन्म लेकर इन चीजों का लाभ नहीं उठाते आप, तो कहलाएंगे महापापी
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है, जिसमें मानव योनि सबसे श्रेष्ठ है. अगर इस योनि में जन्म लेकर भी जो लोग इन चीजों का लाभ नहीं उठाते, उन्हें महापापी कहा गया है.
![Garuda Purana: मानव योनि में जन्म लेकर इन चीजों का लाभ नहीं उठाते आप, तो कहलाएंगे महापापी Garuda Purana such people called mahapaapi who not take benefit these things Garuda Purana: मानव योनि में जन्म लेकर इन चीजों का लाभ नहीं उठाते आप, तो कहलाएंगे महापापी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/01/32857d6d3d20bbd25ab269eeb3b719011688217160461466_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: सनातन हिंदू धर्म में कुल 18 महापुराणों की चर्चा की गई है, जिसमें गरुड़ पुराण सबसे श्रेष्ठ है. साथ ही यह सभी पुराणों में सबसे छोटा है जिसका संबंध जन्म-मरण और लोक-परलोक से है. गरुड़ पुराण साक्षात भगवान विष्णु की वाणी का ही संग्रह है.
पक्षीराज गरुड़ ने जब भगवान विष्णु से जीवन-मरण, स्वर्ग-नरक, पुनर्जन्म, धर्म आदि से संबंधित गूढ़ प्रश्न पूछे तो, श्रीहरि विष्णु ने गरुड़ के प्रश्नों का सविस्तार उत्तर दिया. भगवान विष्णु द्वारा बताए गए इन्हीं गूढ़ रहस्यों को गरुड़ पुराण में सहेजा गया है.
गरुड़ पुराण में कर्मों के महत्व के बारे में भी बताया गया है. क्योंकि व्यक्ति के कर्म जीवन और मरण दोनों समय उसका साथ निभाते हैं. पापी मनुष्य न सुखी जीवन जीता है और मरने के बाद उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. मनुष्य योनि में जन्म लेने पर आपको ईश्वर द्वारा कई ऐसी चीजे प्राप्त हुई हैं, जिसका लाभ उठाकर आप पुण्य कमा सकते हैं और सुखी जीवन जी सकते हैं. आइये जानते हैं कि किन-किन कार्यों को न करने पर व्यक्ति महापापी कहलाता है और मरने के बाद ऐसे लोगों को नरक की यातना सहनी पड़ती है.
- तत्वज्ञान और आत्मबोध को प्राप्त नहीं करने वाले: गरुड़ पुराण में कुल 84 लाख योनियों का जिक्र मिलता है. इसमें मनुष्य योनि को सबसे श्रेष्ठ माना गया है. इन्हीं 84 लाख योनियों से गुजरने के बाद आत्मा को मनुष्य योनि प्राप्त होती है. इसलिए वह मनुष्य ही है जिसे जीवन में तत्वज्ञान और आत्मबोध हो सकता . इसलिए जो लोग मानव शरीर को पाकर भी अगर धर्म और तत्व के ज्ञान को प्राप्त नहीं करते तो ऐसे लोग महापापी कहलाते हैं और उन्हें मृत्यु के बाद नरक प्राप्त होता है.
- भोग और सुख को जीवन का लक्ष्य समझने वाले: गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग जीवन का सदुपयोग करते हुए उद्धार के रूप में कोई कार्य नहीं करते, वह महापापी कहलाते हैं. क्योंकि मानव जीवन की प्राप्ति का लक्ष्य केवल भोग और सुख को पाने भर से नहीं है.
- पुण्य कर्म न करने वाले: मनुष्य योनि में जन्म लेकर व्यक्ति को पुण्य कर्म की ओर ध्यान देना चाहिए. ऐसा करने से उसे उसी जन्म में मुक्ति मिल जाती है. इसलिए जीवनकाल तक और अपने सामर्थ्यनुसार पुण्य कर्म करते रहें.
- सेहत का ध्यान नहीं देने वाले: इस बात का ध्यान रखें कि, बिना सक्षम देह के कोई व्यक्ति पुरुषार्थ नहीं कर सकता. इसलिए अपने शरीर रूपी धन की रक्षा करें.
ये भी पढ़ें: Adhik Maas 2023: अधिकमास क्या है, ये कब आता है? जानें इसका पौराणिक आधार और महत्व
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)