Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुण पुराण सनातन हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है जिसे, महापुराण की संज्ञा दी गई है. साथ ही यह 18 महापुराणों में एक माना गया है. गरुड़ पुराण में पाप-पुण्य, स्वर्ग-नरक के साथ ही अच्छे-बुरे कर्मों की भी व्याख्या की गई है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, जो व्यक्ति जीवनकाल में बुरे कर्म को करता है. वह जीवन में किसी प्रकार के सुख को नहीं भोगता और मरने के बाद भी उसे अपने बुरे कर्मों के फल की कीमत चुकानी पड़ती है.
जैसा कर्म वैसा जन्म
गरुड़ पुराण के अधिपति भगवान विष्णु हैं. पक्षीराज गरुड़ ने भगवान विष्णु से विनती करते हुए कहा कि, हे भगवान! जब मृत्यु के बाद आत्मा अपने किए हुए कर्मों के अनुसार नरक में दंड भोगती है तो उसे कैसी सजा दी जाती है और उसका अगल जन्म कैसे होता है, कृपया बताएं.
गरुड़ के इस गूढ़ प्रश्न का जवाब देते हुए भगवान विष्णु कहते हैं कि, मृत्यु के बाद पहले तो आत्मा को नरक में उसके पाप कर्मों के अनुसार सजा दी जाती है. इसके बाद जब उसके अगले जन्म का समय आता है तो, उसे अगला जन्म भी कर्मों के आधार पर ही मिलता है. इस पर भगवान विष्णु ने जो बताया है, उसका सविस्तार उल्लेख गरुड़ पुराण में किया गया है, जो इस प्रकार से है-
- गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग किसी दूसरों का पैसे लूटकर, धोखाधड़ी कर या चोरी कर अपने शौक पूरे करते हैं, उसकी मृत्यु के बाद यमराज के दूत रस्सी से बांधकर पीटते और धसीटते हुए नरक में ले जाते हैं. इतना ही नहीं उसे तब तक पीटा जाता है जब वह बेहोश नहीं हो जाता. ऐसे लोगों का जन्म सियार, गिद्ध, सांप, गधा और कौंच योनि में हो सकता है.
- निर्दोष जीवों की हत्या करने को हिंदू धर्म में महापाप कहा गया है. ऐसे लोग जो अपने स्वार्थ के लिए पशु-पक्षियों की हत्या करते या उन्हें सताते हैं. ऐसे व्यक्ति की आत्मा को नरक में गरम तेल में डालकर तला जाता है. इनका जन्म चांडाल रूप में लेनेवाला माना जाता है.
- गरुड़ पुराण में ऐसे व्यक्ति के लिए भी बेहद खतरनाक सजा तय की गई है जो कि बड़े-बुजुर्गों का अपमान करते हैं या उन्हें घर से निकाल देते हैं. ऐसे व्यक्ति को नरक की आग में तब तक डुबोया जाता है जब तक उसकी खाल न निकल जाए.
- गरुड़ पुराण के मुताबिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले, शोषण करने वाले, धोखा देने वाले, गर्भपात करने या कराने वाले और अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वालों को भी नरक में कठोर सजा दी जाती है. इन्हें नरक में मल-मूत्र से भरे कुएं में डाला जाता है. इनका अगल जन्म नपुंसक के रूप में होता है.
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