Garuda Purana: इन कारणों से व्यक्ति हो जाता है डिप्रेशन का शिकार, जानें ऐसी स्थिति में क्या करें क्या नहीं
Garuda Purana: गरुड़ पुराण ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है. साथ ही इसमें ऐसी स्थितियों के बारे में भी बताया गया है, जोकि डिप्रेशन का कारण बनती है.
Garuda Purana: डिप्रेशन, अवसाद या तनाव का सबसे अहम कारण है ‘चिंता’. इसके साथ ही कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं, जिससे व्यक्ति मानसिक तौर पर खुदको तनावग्रस्त महसूस करने लगता है. तनाव किसी भी स्थिति में और किसी के लिए भी अच्छा नहीं है.
गरुड़ पुराण में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई गूंढ़ बातों का उल्लेख मिलता है. यह हिंदू धर्म और वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ऐसा ग्रंथ है, जिसके अधिकाष्ठा स्वयं भगवान विष्णु हैं. इस ग्रंथ में सृष्टि के आरंभ से लेकर व्यक्ति के जन्म, मृत्यु और मृत्यु के बाद आत्मा की अलग-अलग स्थितियों के बारे में बताया गया है. जानते हैं ऐसी स्थितियों के बारे में जो दुख और तनाव का कारण बनती है और इससे व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है.
- जीवनसाथी से धोखा मिलना: वैवाहिक जीवन प्रेम और विश्वास की नींव पर ही टिकी होती है. इसलिए पति और पत्नी दोनों को अपने रिश्ते में प्रेम और भरोसा बनाए रखना चाहिए. अगर जीवनसाथी से धोखा मिलता है तो व्यक्ति पूरी तरह से टूट जाता है. जीवनसाथी द्वारा किए गए विश्वासघात से पूरा जीवन भी बर्बाद हो जाता है. ऐसे स्थिति तनाव का मुख्य कारण बनती है और डिप्रेशन को जन्म देती है. इसलिए भरोसे की डोर से वैवाहिक जीवन को हमेशा बांधकर रखें.
- जीवनसाथी का अस्वस्थ रहना: कभी-कभी शारीरिक कमजोरी या सेहत का बिगड़ना आम बात है. लेकिन जब जीवनसाथी अक्सर बीमार रहे या फिर उसे कोई लाइलाज बीमारी हो जाए तो ऐसी परिस्थिति भी तनाव का कारण बनती है. इस स्थिति में व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से जूझता है. लेकिन अगर ऐसी परिस्थिति आए तो भी जीवनसाथी की पूरी निष्ठाभाव से सेवा करें और किसी भी हालत में उसे स्वस्थ करने का प्रयास जारी रखें.
- खुद से छोटे द्वारा अपमानित होना: बड़े की डांट-फटकार हमारे भले के लिए ही होती है. लेकिन जब खुद से छोटे द्वारा ऊंची आवाज में बात की जाए तो इससे व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है. इसके व्यक्ति भीतर से टूट जाता है और दुखी होता है. अगर ऐसी स्थिति आए तो वाद-विवाद से बचें और धैर्यपूर्वक वहां से निकल जाएं.
- बार-बार असफल होना: कई बार ऐसा होता है कि खूब मेहनत करने के बावजूद भी सफलता हाथ नहीं लगती और व्यक्ति असफल ही होता जाता है. ऐसी स्थिति व्यक्ति को अवसाद की ओर ले जाती है. ऐसी स्थिति में हालातों से निपटने के लिए अपने काम करने के तरीके का विश्लेषण करना चाहिए. साथ ही लगातार असफल होने की गलतियों का पता लगाकर उसे सुधारने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसी स्थिति में आत्मविश्वास ही आपको इससे उबार सकता है.
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