Buddha Amritwani: संकल्प शक्ति से पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि को भी किया जा सकता है नियंत्रित, जानें क्या कहती है बुद्ध की अमृतवाणी
Buddha Amritwani: बुद्ध कहते हैं कि, मनुष्य में संकल्प शक्ति का होना बहुत जरूरी है. इससे पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि से लेकर बड़े से बड़े चट्टान को भी नियंत्रित किया जा सकता है.
Buddha Amritwani, Gautam Buddha: गौतम बुद्ध ने अपनी कठोर तपस्या से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति की. उनके अनमोल विचार जीवन बदल देते हैं. सांसारिक सुखों का त्याग कर गौतम बुद्ध ने गया के बोधी वृक्ष के नीचे कठोर तपस्या की और इसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई. गौतम बुद्ध के विचारों और शिक्षा में जीवन के सूत्र निहित होते हैं.
गौतम बुद्ध ने बताया क्यों कि जरूरी है संकल्प शक्ति
एक बार भगवान गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक पर्वतीय स्थल पर ठहरे हुए थे. शिष्यों के साथ गौतम बुद्ध शाम के समय भ्रमण करने के लिए निकले. शिष्य और बुद्ध सभी हरियाली, पेड़-पौधे और पहाड़ों के खूबसूरत प्राकृतिक मनमोहक दृश्य का आनंद ले रहे थे. तभी विशाल और मजबूत चट्टानों को देख शिष्य के मन में उत्सुकता जागी और उसने गौतम बुद्ध से पूछा कि, इन चट्टानों में तो किसी का शासन नहीं होगा, क्योंकि ये अटल, अविचल और कठोर हैं.
शिष्य का सवाल सुनकर गौतम बुद्ध बोले कि- बिल्कुल नहीं, इन शक्तिशाली, अविचल और अटल चट्टानों पर भी किसी का शासन है और वह है ‘लोहा’. लोहे के प्रहार से इन चट्टानों के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं. यह सुनकर शिष्य ने कहा- तब तो लोहा सर्वशक्तिशाली हुआ?
गौतम बुद्ध मुस्कराते हुए बोले कि- नहीं, लोहा भी सर्वशक्तिमान नहीं है. क्योंकि अग्रि अपने ताप से लोहे को पिघला सकती है और इसका रूप परिवर्तित कर सकती है. शिष्य गौतम बुद्ध को धैर्यपूर्वक सुन रहा था, वह बोला- तब तो अग्रि सर्वशक्तिमान है. बुद्ध ने फिर से वैसा ही उत्तर दिया. बुद्ध बोले नहीं. अग्नि भी सर्वशक्तिमान नहीं है. क्योंकि जल अग्रि की उष्णता को शीतलता में परिवर्तित कर देता है और इस तरह के धधकती अग्रि भी जल से शांत हो जाती है. गौतम बुद्ध का जवाब सुनते ही शिष्य फिर से कुछ सोचने लग गया.
बुद्ध शिष्य के मन में चल रही उत्सुकता को समझ गए थे कि, उसकी जिज्ञासा अबतक पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. अब शिष्य फिर कोई सवाल करता, इससे पहले गौतम बुद्ध ने उत्तर दिया कि, वायु का. क्योंकि वायु का वेग जल की दिशा को बदल देता है.
शिष्य कुछ कहता इससे पहले गौतम बुद्ध ने कहा कि,अब तुम कहोगे कि तब तो वायु सबसे शक्तिशाली है. लेकिन नहीं, वायु भी सबसे शक्तिशाली नहीं है. इस संसार में सर्व शक्तिशाली है मनुष्य की संकल्प शक्ति. क्योंकि इससे पृथ्वी, जल, वायु, अग्रि आदि सभी को नियंत्रित किया जा सकता है. इसलिए व्यक्ति को अपने भीतर की संकल्प शक्ति का विकास करने की आवश्यकता है. क्योंकि जीवन में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य बिना संकल्प शक्ति के असंभव है.
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